मूल कीमत से अधिक में बेचे जा रहे हैं स्टाम्प
मूल कीमत से अधिक में बेचे जा रहे हैं स्टाम्प
100 के स्टाम्प 120 में! खुलेआम लूट, प्रशासन बेखबर
कानूनी दस्तावेज़ बनवाना भी गरीबों के लिए बना बोझ
नैनपुर— नगर में स्टाम्प विक्रेताओं की मनमानी चरम पर है। नियमों को ताक पर रखकर स्टाम्प पत्र मूल कीमत से अधिक में बेचे जा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि 100 रुपये का स्टाम्प 120 रुपये तक में बेचा जा रहा है, लेकिन संबंधित प्रशासन अब तक इस गंभीर अनियमितता पर चुप्पी साधे हुए है।
सबसे अधिक परेशानी गरीब, किसान, मजदूर और छोटे व्यापारियों को झेलनी पड़ रही है। मजबूरी में लोगों को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ रही है, क्योंकि बिना स्टाम्प के उनके जरूरी शासकीय व न्यायिक कार्य पूरे नहीं हो पाते। यह स्थिति साफ तौर पर आर्थिक शोषण की ओर इशारा करती है।
नियम स्पष्ट हैं कि स्टाम्प पत्र केवल निर्धारित मूल्य पर ही बेचे जाने चाहिए, इसके बावजूद खुलेआम अधिक राशि वसूली जा रही है। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है, या जानबूझकर अनदेखी की जा रही है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार मौखिक शिकायतें भी की गईं, लेकिन न तो जांच हुई और न ही किसी विक्रेता पर कार्रवाई। इससे मनमानी करने वालों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।
जनहित के सवाल
क्या प्रशासन स्टाम्प की कालाबाज़ारी पर लगाम लगाएगा?
गरीबों से की जा रही इस अवैध वसूली का जिम्मेदार कौन?
कब होगी दोषी स्टाम्प विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई?
नगरवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल औचक जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, साथ ही निर्धारित मूल्य सूची सार्वजनिक रूप से चस्पा कराई जाए, ताकि आम जनता को ठगी से बचाया जा सके।
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