डूब क्षेत्र में मछली-मटन मार्केट बना रही नगर पालिका नैनपुर, बारिश में भारी नुकसान का सता रहा भय
डूब क्षेत्र में मछली-मटन मार्केट बना रही नगर पालिका नैनपुर, बारिश में भारी नुकसान का सता रहा भय
नैनपुर (मंडला)।नगर पालिका नैनपुर द्वारा शहर के डूब प्रभावित क्षेत्र में प्रस्तावित मछली एवं मटन मार्केट के निर्माण को लेकर नगर में गंभीर चिंता और असंतोष का माहौल बनता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों, दुकानदारों और आसपास के रहवासियों का कहना है कि जिस स्थान पर यह मार्केट बनाया जा रहा है, जहां थावर नदी भी स्थित है वह क्षेत्र हर वर्ष बरसात के मौसम में जलभराव और डूब की स्थिति से प्रभावित रहता है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पालिका ने बिना समुचित सर्वे, तकनीकी परीक्षण और जनसहमति के इस स्थान का चयन कर लिया है। यदि यही स्थिति रही तो आने वाले मानसून में यह मार्केट व्यापार से अधिक परेशानी और नुकसान का कारण बन सकता है।
जलभराव, गंदगी और बीमारी का खतरा
नागरिकों के अनुसार—
- डूब क्षेत्र में मछली-मटन बाजार बनने से बारिश के समय पानी भर जाएगा, जिससे दुकानों तक पहुंच मुश्किल होगी।
- मटन और मछली के अपशिष्ट के साथ पानी भरने से तेज दुर्गंध, गंदगी और मच्छरों का प्रकोप बढ़ सकता है।
- साफ-सफाई और ड्रेनेज की उचित व्यवस्था न होने पर संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना रहेगा।
व्यापारी भी असमंजस में
कुछ मछली-मटन व्यापारियों का कहना है कि नया मार्केट यदि सुरक्षित और ऊंचे स्थान पर बनाया जाता तो व्यापार के लिए लाभकारी हो सकता था, लेकिन डूब क्षेत्र में निर्माण से उन्हें हर साल बरसात में आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। व्यापारियों का यह भी कहना है कि यदि भविष्य में बाजार बार-बार बंद करना पड़ा तो रोज़ी-रोटी पर सीधा असर पड़ेगा।
नगर पालिका की चुप्पी
- अब तक नगर पालिका नैनपुर की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि—
- क्या यह क्षेत्र तकनीकी रूप से डूब क्षेत्र घोषित है या नहीं
- निर्माण से पहले जल निकासी, ऊंचाई और स्वच्छता को लेकर क्या इंतज़ाम किए गए हैं
- स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों से परामर्श लिया गया या नहीं
नगरवासियों की मांग है कि नगर पालिका जल्द से जल्द इस योजना पर स्थिति स्पष्ट करे, अन्यथा भविष्य में किसी बड़े नुकसान की जिम्मेदारी भी उसी की होगी।
प्रशासन से पुनर्विचार की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मछली-मटन मार्केट को किसी सुरक्षित, ऊंचे और व्यवस्थित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि न तो व्यापार प्रभावित हो और न ही आमजन को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़े।
नगर में यह चर्चा तेज़ है कि यदि समय रहते निर्णय नहीं बदला गया, तो यह मार्केट विकास के बजाय एक नई समस्या बनकर सामने आ सकता है।
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