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संसार में सुख-दुख नाम की वस्तु नहीं है यह मन की बातों की अनुकूलता और प्रतिकूलता है — आदित्य मुखिया जी ।

संसार में सुख-दुख नाम की वस्तु नहीं है यह मन की बातों की अनुकूलता और प्रतिकूलता है — आदित्य मुखिया जी ।

बुरहानपुर —इंदिरा कॉलोनी में ग्रीन पार्क सोसायटी माहेश्वरी धर्मशाला में आयोजित भागवत कथा श्रवण के तृतीय दिवस पर पंडित आदित्य मुखिया जी ने सभी श्रोताओं को बताया कि तुलसीदास ने कहा था बिनु हरि कृपा मिले नहीं संता संतों का मिलन प्रभु की कृपा से होता है ज्ञान में वृहद सुखदेव जी कथा वाचन स्थल पर पहुंचे तब सभी उम्रदराज संतों ने उनका अभिवादन किया क्योंकि वह संत थे और संतों में ईश्वर मौजूद रहते हैं राजा परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण केवल इसलिए किया कि वह अपनी भूल को स्वीकार कर पश्चाताप कर मन को स्वच्छ कर चुके थे
कथा का श्रवण स्वच्छ मन से करें संसार में सुख दुख नाम की कोई वस्तु नहीं होती मां के अनुकूल बातें सुख और प्रतिकूल बातें दुख है 
उपरोक्त विचार यहां भागवत कथा वाचक आदित्य मुखिया जी ने कथा पारायण के तृतीय दिवस के पारायण में प्रकट किया आपने कहा कि सृष्टि की उत्पत्ति ब्राह्मण को ब्राह्मणों की और उनका जन्म विष्णु की नाभि से निकले कमल से हुआ है
अपने 12 अंकों का महत्व बताते हुए कहा जो 12 वर्षों तक तप करता है उसे मोक्ष सिद्ध हो जाता है विदुर ने 12 वर्षों तक तब कर सिद्धि प्राप्त की आपने बताया कि प्रभु की प्रति प्रेम से होती है और प्रेम के वशीभूत होकर भगवान कृष्ण ने दुर्योधन के पकवान छोड़कर विदुर के घर प्रेम से शाख खाई प्रिय के कारण कृष्णा वृंदावन में गोपियों के साथ ना छूटे 
पंडित आदित्य मुखिया जी ने राक्षस और देवता का अंतर बताते हुए कहा जो साक्षर है और अपनी बुद्धि का दुरुपयोग कर निर्दोष को दुख देता हैं वह राक्षस है 
आनंद अंतरात्मा में होता हैं मृग की तरह कस्तूरी की खोज व्यर्थ हैं आनंद संतों के सत्संग से होता हैं यही सत्संग प्रभु की प्राप्ति का कारण है संत प्रभु की कृपा से मिलता है संत सहज सरल और चंदन वृक्ष की तरह शीतल होते है दूसरों के दुखो को देख जो दुखी हो वही संत है 
संत ईश्वर के दर्शन का माध्यम है 
नीर और किर अलग कर दे वह हंस है और जो परमहंस है वह इससे भी श्रेष्ठ है क्योंकि वह विषय आशक्ति को बाहर निकल देते है भक्त में वृद्धि होती हैं तब भगवान भक्तों के पास दौड़े चले आते है जऊ भरत और ऋषभदेव प्रथम परमहंस थे 
भागवत कथा श्रवण में शामिल हुए जिसमें नगर निगम महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल पुर्व महापौर श्री अतुल पटेल,तरीका सिंह ठाकुर अंजली गाढ़े,वंदना राठौर,श्रीमती शिवहरे,हमेंद्र गोविन्द जी वाला,अशोक कुरील,डॉक्टर सुरेंद्र सिंह गहलोत, रामधारी मित्तल,भगवती प्रसाद लखोटिया,दीपक अग्रवाल,सुनील कक्कड़,महेश जोशी,महेंद्र पोद्दार विनोद इंगले,संजय पवार,मुकेश डालमिया आदि मौजूद थे

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