नई जिंदगी: दो बेटियों के दिल का छेद हुआ निशुल्क ठीक
नई जिंदगी: दो बेटियों के दिल का छेद हुआ निशुल्क ठीक
- मंडला स्वास्थ्य विभाग की पहल लाई
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दोनों बहनों को मिली नई जिंदगी
मंडला - जिला मंडला में एक ही घर की दो मासूम बेटियों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत ‘दिल में छेद’ जैसी गंभीर बीमारी से नई जिंदगी मिली है। शासन की इस महती योजना और जिला स्वास्थ्य विभाग के संवेदनशील प्रयासों की बदौलत, दोनों बहनों का जबलपुर के गैलेक्सी हॉस्पिटल में निशुल्क ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

स्क्रीनिंग में हुई पहचान
ग्राम धुरंमर, पोस्ट आमगांव, ब्लॉक निवास, जिला मंडला के निवासी तेज लाल सिंगौरे की दो बेटियां— दिव्यांशी (8 वर्ष) और जानवी (11 वर्ष)— इस गंभीर रोग से जूझ रही थीं। दोनों बच्चियां एकीकृत धुरंमर शाला में अध्ययनरत हैं, जहाँ ब्लॉक की RBSK टीम द्वारा स्क्रीनिंग के दौरान उनके दिल में छेद होने की पहचान की गई।
यह जानकारी मिलते ही बच्चों के परिजन गहरे सदमे में आ गए, क्योंकि कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे बड़े अस्पतालों में महंगा इलाज करा पाने में असमर्थ थे।
स्वास्थ्य विभाग बना सहारा
इस मुश्किल घड़ी में ब्लॉक में पदस्थ डॉ. अजय खंडेल और डॉ. मनोरमा पांडे ने परिजनों को संबल दिया। उन्होंने समझाइश दी कि शासन की योजना के तहत बच्चों का उपचार निशुल्क हो जाएगा। डॉक्टरों की पहल पर, बच्चों के डॉक्यूमेंट लेकर जिले से फाइल तैयार करवाई गई और उन्हें उपचार के लिए जबलपुर के गैलेक्सी हॉस्पिटल भिजवाया गया।

निशुल्क ऑपरेशन से लौटी खुशियां
जिला स्वास्थ्य विभाग के संवेदनशील प्रयासों और स्वास्थ्य योजनाओं की मदद से, दोनों बहनों के दिल में छेद का ऑपरेशन गैलेक्सी हॉस्पिटल जबलपुर में पूरी तरह निशुल्क संपन्न कराया गया।
निशुल्क ऑपरेशन के बाद बच्चों के परिजन बहुत खुश हैं। उन्होंने जिला प्रशासन, कलेक्टर महोदय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और उनकी पूरी टीम का हृदय से आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने उनकी बेटियों को नई जिंदगी दी।
CMHO ने की अपील
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मंडला का कहना है कि जन समुदाय में यदि किसी भी बच्चे के हृदय में छेद जैसी समस्या की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत जिला चिकित्सालय में संचालित जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र (RBSK) में रजिस्ट्रेशन करा दें। उनका उद्देश्य है कि समय रहते हर जरूरतमंद बच्चे का उपचार कराया जा सके।
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