नैनपुर के 15 वार्डों व ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब
नैनपुर के 15 वार्डों व ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब
— प्रशासन मौन, समाज बेहाल
नैनपुर — नगर के 15 वार्डों सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे हैं। हालात यह हैं कि सुबह से देर रात तक गली-मोहल्लों, ढाबों, खेत-खलिहानों और कच्चे घरों से शराब परोसी जा रही है, मानो यह कोई वैध व्यवसाय हो।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध शराब अब सिर्फ नशा नहीं, बल्कि अपराध और मौत का न्योता बन चुकी है। आए दिन मारपीट, घरेलू हिंसा, सड़क हादसे और चोरी की घटनाएं इसी शराबखोरी की देन हैं। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि युवा और मजदूर वर्ग तेजी से इसकी गिरफ्त में जा रहा है, जिससे परिवार उजड़ रहे हैं और सामाजिक ताना-बाना टूट रहा है।
हर वार्ड में ‘ठिकाना’, हर गांव में सप्लाई
सूत्रों के अनुसार नैनपुर के कई वार्डों में घर-घर अवैध शराब पहुंचाने का नेटवर्क सक्रिय है। ग्रामीण इलाकों में यह धंधा और भी बेलगाम है, जहां शराब ठेके बंद होने के बाद भी रात में अवैध बिक्री जारी रहती है। शिकायतों के बावजूद न तो आबकारी की ठोस कार्रवाई दिखती है और न ही पुलिस की सख्ती।
सवालों के घेरे में आबकारी व पुलिस
- सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध शराब आखिर किसके संरक्षण में बिक रही है?
- क्या यह सब आबकारी विभाग की नाक के नीचे हो रहा है, या फिर मिलीभगत की बू आ रही है?
- स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि कभी-कभार दिखावटी कार्रवाई कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
नगरवासियों और ग्रामीणों में इस मुद्दे को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों की मांग है कि
अवैध शराब के बड़े सप्लायरों पर कड़ी कार्रवाई हो
संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए
हर वार्ड व गांव में नियमित निगरानी और छापामार कार्रवाई हो
यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो यह अवैध शराब नैनपुर को अपराध और बर्बादी की ओर धकेल देगी। अब देखना यह है कि प्रशासन जागता है या फिर नैनपुर की गलियों में यूं ही जहर बिकता रहेगा।
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