उदासीन-एशिया का सबसे बड़ा जंक्शन बदहाली का शिकार
उदासीन-एशिया का सबसे बड़ा जंक्शन बदहाली का शिकार
नैनपुर. कभी एशिया के सबसे बड़े नैरोगेज जंक्शन के रूप में मशहूर रहा नैनपुर जंक्शन आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तहत आने वाले इस जंक्शन में रेलवे अधिकारियों की उदासीनता और उपेक्षा का एक और उदाहरण सामने आया है, जहां वार्ड नंबर 12 स्थित हनुमान मंदिर और पंजाबी गुरुद्वारे के सामने पिछले छह महीने से एक विशाल पेड़ रास्ते को अवरुद्ध किए हुए है।

बताया गया कि यह पेड़ लगभग छह महीने पहले आए आंधी-तूफान के कारण गिरा था। छह महीने बीत जाने के बाद भी रेलवे के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने इसे हटाने की जहमत नहीं उठाई है। इस कारण यह महत्वपूर्ण रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। हैरानी की बात यह है कि इसी रास्ते के आसपास रेलवे क्वार्टर स्थित हैं और रेलवे कर्मचारियों का भी इसी रास्ते से आना-जाना होता है। इसके बावजूद, किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है।
बताया गया कि गिरा हुआ पेड़ अब झाडिय़ों और बेलों से ढकने लगा है, जो रेलवे की लापरवाही दिखा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नैनपुर के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। न सिर्फ इस रास्ते को साफ नहीं किया गया है, बल्कि शहर में रेलवे से संबंधित अन्य जगहों पर भी साफ-सफाई, सड़क और नालियों की स्थिति बेहद खराब है। मुख्य मार्ग से स्टेशन को जोडऩे वाले रास्ते को छोड़कर बाकी सभी रास्तों और नालियों की हालत बदहाल है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि रेलवे की इस उदासीनता से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे मांग करते हैं कि रेलवे अधिकारी जल्द से जल्द इस गिरे हुए पेड़ को हटाकर रास्ते को सुचारू करें और नैनपुर जंक्शन से संबंधित सभी आधारभूत सुविधाओं पर ध्यान दें। अन्यथा, यह ऐतिहासिक जंक्शन अपनी पहचान पूरी तरह से खो देगा।
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