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एकलव्य विद्यालय की छात्रा की मौत, अधीक्षक और अधीक्षिका निलंबित

 


एकलव्य विद्यालय की छात्रा की मौत, अधीक्षक और अधीक्षिका निलंबित 

मंडला : मंडला जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय निवास पिपरिया में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। 15 अगस्त को विद्यालय में कई विद्यार्थियों के अचानक बीमार होने के बाद एक छात्रा की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद, प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संस्था की अधीक्षिका और अधीक्षक को निलंबित कर दिया है।

जानकारी अनुसार 15 अगस्त को एकलव्य आवासीय विद्यालय में कई विद्यार्थियों के स्वास्थ्य बिगडऩे की सूचना मिलने पर कलेक्टर ने एक जांच समिति का गठन किया। इस समिति में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) निवास, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल थे। 16 अगस्त को जांच टीम ने स्कूल पहुंचकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस दौरान, 7 छात्राओं और 8 छात्रों को सर्दी, जुकाम और वायरल फीवर के लक्षण पाए जाने पर उन्हें जिला चिकित्सालय मंडला में भर्ती कराया गया।

हालाँकि एक छात्रा की हालत गंभीर थी। तेज बुखार और बेहोशी के कारण उसे प्राथमिक उपचार के बाद 16 अगस्त को ही मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर किया गया। परिजनों की उपस्थिति में उसका इलाज चल रहा था, लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार न होने पर परिजन उसे नागपुर ले गए। दु:खद है कि 18 अगस्त को इलाज के दौरान छात्रा की मृत्यु हो गई।

प्रशासन की कार्रवाई 

जांच में यह पाया गया कि संस्था के प्राचार्य और अधीक्षक ने घटना की सूचना विभागीय अधिकारियों को समय पर नहीं दी और वे मुख्यालय से भी अनुपस्थित थे। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए कलेक्टर ने तत्काल निलंबन की कार्रवाई का प्रस्ताव आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मप्र भोपाल को भेजा।

इसके परिणामस्वरूप, आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, भोपाल ने 19 अगस्त को संस्था में कार्यरत अधीक्षिका पूनम देवी और अधीक्षक संजीव कुमार राठी को निलंबित कर दिया। उन्हें कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मंडला में अटैच किया गया है। इसके अलावा, आउटसोर्स पर कार्यरत स्टॉफ नर्स सुरसरी अंजली सैयाम की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं।

प्राचार्य मोनिका रोहिला के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई का प्रस्ताव आयुक्त राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली को भेजा गया है। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।



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