सवरी और मीरा जैसी भक्ति हो तो भगवान स्वयं आते हैं-मुनि श्रीनीरज सागरजी
सवरी और मीरा जैसी भक्ति हो तो भगवान स्वयं आते हैं-मुनि श्रीनीरज सागरजी
नैनपुर :व्रती नगरी पिंडरई में अष्टाह्निका पर्व में सिद्धाराधना का दूसरा दिन.. सभी भक्तों ने मिलकर श्रीजी जा अभिषेक किया तदुपरांत मुनि श्री के मुखारबिंद से विश्व शांति की भावना से शान्तिधारा कराई गई। विधानाचार्य ब्र. विनोद भैया जी ने अपने मधुर कंठ से सिद्धाराधना करते हुए जनमानस को भक्ति के रंग ने रंग दिया। इसी मध्य परम पूज्य मुनि श्री नीरज सागर जी महाराज की मंगल देशना का लाभ सभी को मिला। मुनि श्री ने नंदिश्वरद्वीप की महिमा बतलाते हुए सवरी और मीरा जैसी भक्ति करने के लिए प्रेरित किए। ज़ब हम सबरी की तरह राम को पुकारेंगे तभी राम आएंगे। सबरी एक भील लड़की थी उसकी शादी में पशुओं के बध कर बरातियों के लिए भोजन तैयार किया जायेगा ऐसा सुनकर उसे वैराग्य आ गया और वह एक आश्रम जा कर गुरुओं की सेवा करते हुए राम का नाम स्मरण करने लगी लगातार ३ हजार वर्ष इंतजार की तब जा कर राम के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया। मुनि श्री के हृदयग्राही वचनों से जनमानस को प्रभावित किया।
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