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तट के किनारे से होगी परिक्रमा

 


तट के किनारे से होगी परिक्रमा

  • उत्तरवाहिनी माँ नर्मदा परिक्रमा का दूसरा चरण आज से प्रारंभ
  • घाघी घाट पर होगा रात्रि विश्राम

मण्डला। उत्तरवाहिनी माँ नर्मदा परिक्रमा का दूसरा सामूहिक आयोजन आज प्रात: 06:00 बजे से प्रारंभ हो रहा है सुबह व्यास नारायण मंदिर में संकल्प पूजा के साथ्ा यह परिक्रमा प्रारंभ होगी जो कि तट पार कर महाराजपुर संगम पहुंचेगी इस स्थान पर परिक्रमा में शामिल लोगों का पंजीयन होगा और सभी को परिचय पत्र दिये जायेंगे यहां से परिक्रमा मंगलेश्वर मंदिर मार्ग की ओर आगे बढ़ेगी जहां पर कि ज्वालाजी मंदिर परिसर में चित्रगुप्त मंदिर के समीप चित्रगुप्त कायस्थ सभा के द्वारा बाल भोग की व्यवस्था की गई है और फिर यहां से परिक्रमावासी दादा धनीराम जी के दर्शन कि लिये उनकी समाधि स्थल पहुंचेंगे और दर्शन उपरांत राधाराज आश्रम होते हुये कच्चे मार्ग से मानादेई ग्राम की ओर प्रस्थान करेंगे जहां पर घुंघरू वाले महाराज जी के आश्रम में जलपान के साथ-साथ विश्राम की व्यवस्था की गई है यहां से परिक्रमा जब आगे बढ़ेगी तो फिर सुरंगदेवरी ग्राम से एक रास्ता दाहिनी ओर गांव के अंदर जाता है इस मार्ग से परिक्रमा आगे बढ़ते हुये मैया जी के तट से होते हुये कोठी घाट आश्रम सिलपुरा पहुंचेगी इस आश्रम में दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई है यहां भोजन के साथ-साथ भजन की भी संगत होगी और फिर विश्राम करने के बाद यहां से परिक्रमा कच्चे रास्ते से ही सनकुही या संभव हुआ तो भैसादाह तक जायेगी जहां से परिक्रमा घाघा होते हुये घाघी तट तक पहुंचेगी इसी तट पर रात्रि विश्राम का आयोजन किया गया है घाघी तट पर दो ओर मैदान है जहां पर कि टेंट लगाये गये हैं इन टेंटों के अंदर परिक्रमावासी रात्रि विश्राम करेंगे विश्राम के पूर्व भोजन एवं संगीत संध्या का भी आयोजन किया गया है। हाल ही में महिष्मती माँ नर्मदा उत्तरवाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति द्वारा श्रद्धालुओं के सहयोग से एक शेड का निर्माण किया गया है इस शेड के चारों ओर चाहरदिवारी बनाई गई है और अंदर टाइल्स लगाकर इसे परिक्रमावासियों के विश्राम के लिये सुलभ बनाने का प्रयास किया गया है इस शेड पर भी महिलायें रात्रि में विश्राम करेंगी और अन्य श्रद्धालुजन मंदिर एवं मंदिर परिसर में रात्रि विश्राम करेंगे। माँ नर्मदा के तट पर पूरी रात बिताने का यह सुनेहरा अवसर माँ नर्मदा परिक्रमावासियों को उपलब्ध होने जा रहा है सभी परिक्रमावासी इस अवसर का लाभ उठावें और परिक्रमा के दौरान माँ नर्मदा का मनन उनका चिंतन करते हुये अपने समय का सदुपयोग करें। अपनी परिक्रमा को सफल बनावें साथ ही दूसरे परिक्रमावासियों का भी सहयोग करें।



     आयोजन समिति ने सभी परिक्रमावासियों से अपनी थाली, अपनी गिलास एवं दो चादर साथ में लेकर आने का निवेदन किया है ताकि आपको जो भी भोजन या अल्पाहार मिलता है उसे आप पवित्रता के दृष्टिकोण से अपने ही पात्र में ग्रहण करें एवं पत्तल एवं डिस्पोजल का कचरा नर्मदा तट पर न फैलायें, किसी भी स्थिति में प्लास्टिक की गिलास एवं कटोरी का उपयोग न करें यह पूर्ण रूप से वर्जित है। अपने पात्र को साफ कर अपने पास रखें। संध्या पूजन के लिये अपने साथ दीपक, बत्ती एवं माँ नर्मदा का प्रसाद अवश्य लेकर जायें और व्यवस्था सहयोगी बने यह आयोजन आप, हम, सबका आयोजन है।

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