मध्य प्रदेश में भी लागू हो छत्तीसगढ़ जैसा पत्रकार सुरक्षा कानून
मध्य प्रदेश में भी लागू हो छत्तीसगढ़ जैसा पत्रकार सुरक्षा कानून
- पत्रकारों ने दिया पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए की मांग
मंडला। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ इस समय संकट में है। इस स्तंभ को चकनाचूर करने के लिए मध्य प्रदेश के मंडला जिले में लगातार साजिश की जा रही है। लगातार पत्रकार साजिश का शिकार हो रहे हैं। पत्रकारों के साथ मारपीट की घटनाएं झूठे केस में फसाने और कई तरह से प्रताड़ित करने की घटनाएं अब आम बात हो गई है। जो पत्रकार जनहित में जिले में काम कर रहे हैं। जन समस्याओं को प्रकाशित कर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षण करा रहे हैं सरकारी योजना में हो रही गड़बड़ी को उजागर कर रहे हैं उन्हें जिले में निशाना बनाया जा रहा है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के मंडला जिले की जनपद पंचायत नैनपुर क्षेत्र की पंचायत में एक पत्रकार के साथ सामूहिक रूप से मारपीट की गई और झूठा आरोप लगाकर शिकायत की और आपस में राजीनामा करने का दबाव बना लिया। मंडला के पत्रकारों ने जिले के पुलिस अधीक्षक को इस आशय का ज्ञापन सौंपा है कि सही जांच पड़ताल की जाए और दोषियों पर कार्यवाही की जाए साथ में मांग की गई है कि पत्रकारों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिस तरह से निकटवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हुआ है। उसी तरह से मध्य प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून लागू किया जाए। पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने के दौरान पत्रकार आलोक जैन, सावन सिंह ठाकुर, राजेश यादव, सुरेन्द्र श्रीवास, विजय साहू, हरवंश ठाकुर, शंभू शुक्ला, टीकाराम चौधरी, संजय ताम्रकार, प्राशांत पटेल मौजूद रहे।
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