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कुंभ प्रयागराज से गुरुदीक्षा लेकर लौटे संत करण पुरी महाराज का ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत

कुंभ प्रयागराज से गुरुदीक्षा लेकर लौटे संत करण पुरी महाराज का ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत
[एडिटर इन चीफ राजू सिंह राठौड़ 9424525101]
बुरहानपुर जिले के नेपानगर तहसील के ग्राम सातपायरी में शनिवार रात 11 बजे संत करण पुरी महाराज का भव्य स्वागत सत्कार किया गया। वे हाल ही में कुंभ प्रयागराज से पंचदशनाम जूना अखाड़ा काशी प्रयागराज में गुरुदीक्षा लेकर लौटे हैं। जैसे ही उनके आगमन की सूचना गांव में पहुंची, ग्रामीणों में भारी उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में भक्तों और श्रद्धालुओं ने संत करण पुरी महाराज का भव्य स्वागत किया।
गुरुदीक्षा का आयोजन और आध्यात्मिक महत्व

प्रयागराज कुंभ में संत करण पुरी महाराज ने पंचदशनाम जूना अखाड़े में गुरुदीक्षा प्राप्त की। यह दीक्षा जूना अखाड़े के वरिष्ठ संत सरपुरी महाराज जी और अखाड़े के सेक्रेटरी महेश पुरी महाराज के सान्निध्य में संपन्न हुई। जूना अखाड़ा सनातन परंपराओं और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें गुरुदीक्षा लेना किसी भी संत के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और गौरवशाली क्षण होता है।

गुरुदीक्षा का अर्थ केवल एक आध्यात्मिक गुरु को अपनाना नहीं, बल्कि उसके मार्गदर्शन में सनातन धर्म की सेवा करने की शपथ लेना भी होता है। संत करण पुरी महाराज की इस गुरुदीक्षा से मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में उनके अनुयायियों और संत समाज में हर्ष और उत्साह का माहौल है।
ग्राम सातपायरी में भव्य स्वागत समारोह

शनिवार की रात जब संत करण पुरी महाराज अपने गांव लौटे, तो सातपायरी में ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। पूरे गांव को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। स्वागत के दौरान ढोल-नगाड़ों की गूंज, फूलों की वर्षा और जयकारों ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। जैसे ही वे गांव की सीमा में पहुंचे, श्रद्धालुओं ने फूलों की मालाओं से उनका अभिनंदन किया।

संत करण पुरी महाराज ने भी अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हुए गुरुदीक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह दीक्षा केवल एक व्यक्ति का उत्थान नहीं, बल्कि समाज और धर्म की सेवा के लिए लिया गया संकल्प है। उन्होंने अपने अनुयायियों को भी धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

पूरे जिले में चर्चा का विषय बना स्वागत समारोह

सातपायरी में संत करण पुरी महाराज के स्वागत की चर्चा केवल गांव तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे बुरहानपुर जिले में इसकी चर्चा जोरों पर रही। संतों और श्रद्धालुओं ने इस आयोजन की सराहना की और इसे आध्यात्मिकता और भक्ति का अद्भुत उदाहरण बताया।
इस भव्य आयोजन के दौरान विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के लोग भी उपस्थित रहे। सभी ने संत करण पुरी महाराज का आशीर्वाद लिया और धर्म व संस्कृति के प्रचार-प्रसार के उनके संकल्प की सराहना की।

भविष्य में धर्म और समाज सेवा की प्रतिबद्धता

गुरुदीक्षा प्राप्त करने के बाद संत करण पुरी महाराज ने भविष्य में धर्म, अध्यात्म और समाज सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बताया है। उन्होंने कहा कि वे अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से धर्म की सेवा करते रहेंगे और समाज को जागरूक करने का कार्य करेंगे।


संत करण पुरी महाराज का यह स्वागत समारोह न केवल सातपायरी गांव के लिए, बल्कि पूरे बुरहानपुर जिले के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। गुरुदीक्षा की इस पावन प्रक्रिया से संत समाज में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार हुआ है। ग्रामीणों का भव्य स्वागत, श्रद्धालुओं का उत्साह और आध्यात्मिक माहौल इस बात का प्रमाण है कि सनातन धर्म और गुरु परंपरा की जड़ें समाज में कितनी गहरी हैं।


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