आओ जलाएं कंडों की होली: पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल
आओ जलाएं कंडों की होली: पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल
बुरहानपुर। स्वामी विवेकानंद गणेश उत्सव समिति, राजपुरा रोड द्वारा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से गोबर के कंडों से होलिका दहन करने की परंपरा को इस वर्ष भी जारी रखा गया है।
राजपुरा स्थित ज्ञानवर्धनी सभा गृह में समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल एवं विधायक मंजू दादू ने गोबर के कंडे बनाकर किया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य वृक्षों की अनावश्यक कटाई रोकना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है।
50 स्थानों पर जलेगी कंडों की होली
समिति अध्यक्ष अमोल भगत ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से समिति द्वारा गोबर के कंडों से होलिका दहन किया जा रहा है। इस वर्ष समिति का लक्ष्य बुरहानपुर जिले में 50 स्थानों पर कंडों की होली जलाने का है। इसके लिए जिलेभर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों से अपील की जाएगी कि वे लकड़ी की बजाय गोबर के कंडों से होलिका दहन करें।
पर्यावरण संरक्षण और गोवंश रक्षा का संकल्प
इस अवसर पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि हमें जीते जी और मृत्यु के बाद भी प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हरे-भरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी और वर्षा में गिरावट जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे सूखी और गिरी हुई लकड़ियों का ही उपयोग करें और अधिक से अधिक कंडों की होली जलाने के इस अभियान से जुड़ें।
समिति संरक्षक दिलीप श्रॉफ, मुकेश शाह, बंटी नागोरी, सुभाष यादव भाजपा युवा नेता गजेंद्र पाटिल, पार्षद नितेश दलाल, भरत मराठे, भारत इंगले, सोनू खुराना, रविंद्र अग्रवाल, देवा नन्नौरे, विजय वारूड़े, महेन्द्र कामले, कमलेश दलाल, मनीष भगत, मोनू नवग्रहे, भीमा महाजन, हितेन सराफ, प्रशांत आप्टे, अंकित व्यास, गज्जू मराठा,राम निकम, चेतन शाह, महेंद्र महाजन, हितेश भगवे, शुभम चोपड़ा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं समाजसेवी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
"पेड़ों की कटाई रोकने की जरूरत"
समिति अध्यक्ष अमोल भगत ने कहा कि हर साल होलिका दहन के नाम पर हजारों पेड़ों की बलि दी जाती है, जिससे हमारे पर्यावरण को गंभीर क्षति होती है।
अगर हम समय रहते इस पर ध्यान नहीं देंगे, तो आने वाले समय में हमें ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। जंगलों की कटाई से वर्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने सभी से अपील की कि इस बार लकड़ी की जगह गोबर के कंडों से होलिका दहन करें और पर्यावरण को बचाने में सहयोग दें।
"यह पहल पूरे देश के लिए मिसाल बन सकती है"
बुरहानपुर की यह पहल देशभर के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकती है। अगर हर शहर इस दिशा में कदम बढ़ाए, तो पर्यावरण को काफी हद तक सुरक्षित किया जा सकता है। समिति का यह प्रयास न केवल वृक्षों की रक्षा करेगा बल्कि गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा देगा।
समिति के इस अनूठे अभियान की चर्चा पूरे जिले में हो रही है, और उम्मीद है कि इस पहल को जिलेवासियों का भरपूर समर्थन मिलेगा। अब देखना होगा कि कितने लोग इस अभियान का हिस्सा बनते हैं और कंडों की होली जलाने की इस परंपरा को अपनाते हैं।
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