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पहले चरण में 268 आशा कार्यकताओं ने दी ऑनलाईन परीक्षा




आशा वर्करों का ज्ञान परखने तीन चरण में परीक्षा

  • पहले चरण में 268 आशा कार्यकताओं ने दी ऑनलाईन परीक्षा
  • दूसरे चरण में प्रायोगिक और तीसरे चरण में होगी मुख्य परीक्षा
  • परीक्षा पास होने पर आशा सर्टिफाईड होगी और मिलेगा पांच हजार रूपए प्रोत्साहन राशि

मंडला . स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा और आशा पर्यवेक्षकों के ज्ञान को परखने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के माध्यम से मंडला जिले में तीन चरण में परीक्षा ले रही है। प्रथम चरण की आतंरिक परीक्षा के लिए जिले की 270 आशा व आशा पर्यवेक्षकों ने आवेदन किया था। जिसमें 268 उपस्थित रही और दो अनुपस्थित रही। इस आतंरिक परीक्षा में उपस्थित सभी 268 प्रतिभागियों ने ऑनलाईन परीक्षा दी। जिले के पांच विकासखंडों में यह परीक्षा आयोजित की गई। जिसके केन्द्र ब्लाक स्तर पर सीएचसी केन्द्र में बनाया गया था।

जानकारी अनुसार आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के शहर और ग्रामीण अंचलों में शिशु से लेकर बुजूर्गो के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाली आशा व आशा पर्यवेक्षकों के ज्ञान को परखने के लिए तीन चरण में परीक्षा आयोजित होगी। नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपन स्कूल के द्वारा जिले के पांच विकासखंड बम्हनी, मोहगांव, नारायणगंज, बिछिया, नैनपुर में परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। जिसमें 268 आशा वर्कर ने परीक्षा दी। परीक्षा को लेकर ये उत्साहित दिख रही थी। पहले चरण में परीक्षा के लिए 270 आशा वर्कर ने आवेदन किया था। जिसमें से दो वर्कर अनुपस्थित रही। परीक्षा पास होने के बाद आशा प्रमाणित हो जाएगी और पांच हजार रुपये का कैश अवॉर्ड भी मिलेगा। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग की यह पहल के पहले चरण की परीक्षा आयोजित हो गई है। अब दूसरे चरण में प्रायोगिक परीक्षा होगी, जो 10 मार्च तक ली जाएगी। इसके बाद तीसरे चरण में लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जो 23 मार्च को आयोजित की जाएगी।


डीसीएम हिमांशु सिंगौर ने बताया कि फील्ड में आशा वर्कर का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। परीक्षा का मुख्य उद्देश्य है कि इस परीक्षा के माध्यम से आशा वर्कर का ज्ञान बढ़ाना है। आयोजित इस परीक्षा में खरा उतरने के लिए आशा वर्कर पूरी तैयारी कर रही है। आगामी प्रायोगिक परीक्षा में इनसे हाथ धोना, तापमान मापना, ओआरएस घोल बनाना, शिशु का वजन मापना समेत कई कार्य जो शामिल होते है, उन पर प्रैक्टिकल कराया जाएगा। बताया गया कि आशा वर्कर को कार्य के आधार पर विभाग द्वारा राशि दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा वर्करों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए परीक्षा ली जा ही है। आगामी दो चरण में प्रायोगिक और लिखित परीक्षा की तैयारी की जा रही है। परीक्षा में पास आशा वर्करों को प्रमाण पत्र मिलेगा और नकद राशि देकर सम्मानित भी किया जाएगा।

परीक्षा में पास होने पर आशा होगी सर्टिफाइड 

बताया गया कि आशा वर्कर के ज्ञान को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ऑनलाईन परीक्षा ली है, अब प्रायोगिक और लिखित परीक्षा ली जाएगी। जिले में पहले चरण में 270 आशा और पर्यवेक्षकों को परीक्षा में शामिल किया गया था, जिसमें 268 ने परीक्षा दी थी। बताया गया कि यदि आशा वर्कर परीक्षा में पास होती हैं तो सर्टिफाइड हो जाएगी और पांच हजार रुपये का कैश अवॉर्ड भी इन्हें मिलेगा। लिखित परीक्षा से पहले आशा वर्करों का आंतरिक परीक्षा ली गई। अब प्रायोगिक परीक्षा ली जाएगी।

परीक्षा से बढ़ेगा ज्ञान 

ग्राम व शहर में आशा वर्करों द्वारा जमीनी स्तर पर काम किया जाता है। ये स्वास्थ्य विभाग के रीढ की हड्डी हैं। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है कि आशा वर्कर का ज्ञान इस परीक्षा के मध्यम से बढ़ाया जाए। परीक्षा में खरा उतरने के लिए आशा वर्कर अध्ययन कर रही है और प्रेक्टिकल का अभ्यास भी जीन जान लगाकर कर रही है। प्रायोगिक परीक्षा में हाथ धोना, तापमान मापना, घरेलू ओआरएस बनाना, शिशु का वजन मापना, गर्भावस्था का पता करना समेत कई कार्य में खरा उतरने लगातार अभ्यास कर रही है।

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