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गोल पत्थर समझकर उठा लिया बम, धमाके के बाद चिल्ला उठी महिला

 


गोल पत्थर समझकर उठा लिया बम, धमाके के बाद चिल्ला उठी महिला

जंगल में मवेशी चराने गई महिला के हाथ में फटा सूकर मार बम

निवास थाना क्षेत्र के ग्राम मसूर घुघरी की घटना

घायल महिला को जबलपुर मेडिकल किया रेफर

मंडला निवास . विकासखंड निवास के ग्राम मसूर घुघरी स्थित जंगल में शनिवार की सुबह करीब 10 बजे एक महिला के हाथ में सूकर मार बम फट गया। बम फटने से महिला का हाथ बुरी तरह घायल हो गया। हाथों की अंगुलियां क्षत विक्षत हो गई। तत्काल महिला को निवास स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। जहां गंभीर घायल महिला को जबलपुर मेडिकल रैफर कर दिया गया। 

  • जानकारी अनुसार रेवती बाई मरावी पति इंद्रलाल 38 वर्ष निवासी ग्राम मसूर घुघरी रैयत सुबह करीब दस बजे गांव के मवेशी चराने जंगल गई थी। रेवती के साथ एक अन्य महिला भी थी। जंगल में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सूकर मार बम छोड़ा गया था, जिसे रेवती समझ नहीं पाई और बम को गोल पत्थर समझ कर उठा लिया, जैसे ही महिला ने बम को उठाया वैसे ही वह हाथ में फट गया। बम फटते ही महिला चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर उसके साथ गई महिला रेवती के पास पहुंची और देखा कि रेवती का हाथ खून से लहूलुहान था। साथी महिला ने इसकी जानकारी तत्काल उसके परिजन को दी। जानकारी मिलते ही परिजनों ने निजी वाहन से घायल महिला को निवास सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने महिला को जबलपुर मेडिकल रेफर कर दिया।  घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई। बताया गया कि महिला के बाएं हाथ की दो उंगली पूरी तरह फट गई हैं।


उसरी चराने गई थी महिला :

आज भी ग्रामीण अंचलों में उसरी चराने की परंपरा है। जिसमें गांव भर के सभी मवेशियों को एक साथ चराने जंगल लेकर जाया जाता है। जिसे हर दिन कोई एक व्यक्ति न चराकर हर दिन नये - नये लोगों की पारी पालतू मवेशियों को ले जाने की आती है। जिससे बिना किसी धन के हर किसी के मवेशी हर दिन जंगल और चारागाह में चरने जाते हैं। इसी परंपरा को ग्रामीण अंचलों में उसरी कहा जाता है।

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