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पुलिस तथा जेल प्रशासन पर आरोप लगाया जाना निराधार पाया गया

मंडला - कतिपय समाचार पत्र एवं न्यूज़ चैनल द्वारा एक खबर प्रकाशित की गयी हैं जिसमें जनसुनवाई कार्यक्रम में आवेदक अरविंद यादव पिता टिक्कू यादव द्वारा चौकी प्रभारी अंजनिया द्वारा पैसे की डिमांड एवं जेल कर्मियो द्वारा जेल में मारपीट किये जाने के संबंध में दिये गये शिकायत का उल्लेख किया गया हैं। 

शिकायत एवं मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए तथ्यों की जांच राजपत्रित अधिकारी से करवाई गयी।

  दिनांक 14.07.2024 को माननीय न्यायालय मंडला जेएफएमसी महोदय द्वारा चैक बाउंस के प्रकरण क्रमांक 06/2022 धारा 138 एनआईए में प्राप्त गिरफ्तारी वारंट में चौकी अंजनिया पुलिस द्वारा अभियुक्त का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहाँ से माननीय न्यायालय के आदेश पर अभियुक्त अरविंद यादव को जेल दाखिल किया गया। उक्त दिनांक को चौकी प्रभारी अंजनिया की मुलाकात कभी शिकायतकर्ता से नहीं हुई क्योंकि वह अभियुक्त के चौकी लाए जाने के पूर्व ही शासकीय कार्य से बाहर होने के कारण चौकी में उपस्थित नहीं थे। उक्त के संबंध में तकनीकी साक्ष्य सीसीटीवी भी जांचे गए जिसमें आरोप निराधार पाया गया। इसके पूर्व आवेदक अरविंद यादव पिता टिक्कू यादव उम्र 33 साल निवासी अंजनिया दिनांक *12/06/2024* को पुलिस चौकी अंजनिया में चेक बुक गुम हो जाने का आवेदन लेकर आया था जिसे आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र संलग्न कर लाने की समझाइश पुलिस स्टाफ़ द्वारा दी गई परंतु आवेदक द्वारा शपथ पत्र के साथ आवेदन दोबारा पेश नही किया। आवेदक द्वारा उक्त विषय को लेकर भी सीएम हेल्पलाइन शिकायत भी किया था जिसपर आवेदक को तलब कर पुनः आवेदन पत्र में शपथ पत्र संलग्न कर पेश करने कहा गया और बताया गया कि लोग किसी को चेक देने के बाद चेक बाउंस के केस से बचने हेतु चेक गुम की रिपोर्ट लिखा कर दुरुपयोग करते है इसलिए शपथ पत्र ज़रूरी है जो आवेदक ने आवेदन पत्र के साथ पेश नही किया और समझाइश पर अपने द्वारा की गई सीएम हेल्प लाइन की शिकायत बंद करा दिया।

 

दूसरे आरोप के संबंध में जेल अधीक्षक के द्वारा भी बताया गया है कि अभियुक्त का जेल से निकलते वक्त का वीडियो फुटेज देखा गया जिसमें वह न्यूज चैनल पर प्रसारित वीडियो के विरुद्ध बिना चोट के सीधा चलता हुआ दिखाई दे रहा है। इस संबंध में जेल स्तर पर भी प्राथमिक जांच में आरोप बेबुनियाद पाया गया।

*आवेदक द्वारा जनसुनवाई के दौरान लगाये गये आरोप अप्रमाणिक एवं निराधार पाए गए हैं।*


 

शिकायतकर्ता आदतन शिकायती प्रवृत्ति का है। लोगो से वाद विवाद के चलते शिकायतकर्ता के विरुद्ध चौकी अंजनिया में पूर्व में भी वर्ष 2018, 2021 एवं 2022 में कुल 4 बार बॉण्ड ओवर की कार्यवाही की गई है।

 

अतः पुलिस तथा जेल प्रशासन पर निराधार आरोप लगाया जाना पाया गया है।

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