मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग के साथ कर रही है अन्याय
भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लागू किए गए नियमों के अनुसार व्यवस्था के संचालन के लिए सरकार पदों की मंजूरी देती है। जिन पर भर्ती की जाती है और जब कर्मचारी रिटायर होता है तो नई भर्ती की जाती है लेकिन मध्यप्रदेश में क्लर्क यानी सहायक ग्रेड 1-2-3 के रिटायर होने पर कोई नई भर्ती नहीं होगी। 2025 तक 65000 कलर के रिटायर होंगे परंतु उनके स्थान पर नवीन भर्ती नहीं होगी। *
*मध्यप्रदेश में तृतीय श्रेणी कर्मचारी कैटेगरी खत्म!*
*सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने मध्यप्रदेश में तृतीय श्रेणी कर्मचारी कैटेगरी खत्म करने का निर्णय ले लिया है। सन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भविष्य में कभी भी तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियमित कर्मचारियों की भर्ती नहीं होगी। यह काम आउट सोर्स एजेंसियों को दिया जाएगा और एजेंसियों के कर्मचारी तृतीय श्रेणी के पदों पर काम करेंगे। *
*मध्यप्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कैटेगरी खत्म कर चुके हैं*
इससे पहले मध्य प्रदेश में सरकार चतुर्थ श्रेणी यानी चपरासी, माली, ड्राइवर इत्यादि कर्मचारियों की कैटेगरी पहले ही खत्म कर चुकी है। अब चतुर्थ श्रेणी पर सभी प्रकार के कर्मचारियों की नियुक्ति आउट सोर्स एजेंसी के माध्यम से की जा रही है। इस फैसले के कारण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ लेकिन फिर भी उनके हित की बात करने वाले किसी संगठन ने जोर से आवाज नहीं उठाई। इससे वह सरकारी अधिकारी उत्साहित हैं जो नियमित कर्मचारियों को शासन पर बोझ मानते हैं। अब तृतीय श्रेणी कर्मचारी कैटेगरी खत्म करने का अंतिम निर्णय ले लिया गया है। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा इसकी घोर निंदा करते हैं विरोध करते हैं और सरकार से मांग करते हैं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थाई कीजिए और उपरोक्त पदों को समाप्त करने की नीति में बदलाव कीजिए*ठाकुर संतोष सिंह दिक्षित प्रदेश मंडी कर्मचारी महासंघ भोपाल कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संघ भोपाल प्रदेश महामंत्री कर्मचारी कांग्रेश जिला संयोजक संयुक्त मोर्चा बुरहानपुर*
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