अवयस्क बालिका को बहला फुसलाकर ले जाकर शारीरिक शौषण करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 12000 रू के अर्थदण्ड से दंडित किया
बुरहानपुर/अतिरिक्त जिला अभियोजन श्री रामलाल रन्धांवे द्वारा अभियोजित प्रकरण में मा. अपर सत्र न्यानयाधीश श्री आर.के. पाटीदार ने अवयस्कं बालिका के साथ छेडछाड़ करने वाले आरोपी सुनिल पिता सरदार उम्र 21 वर्ष निवासी पिंगली सोनाका , जिला जलगांव को धारा 363 भा.दं.सं. के अंतर्गत 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2000 रू के अर्थदण्ड से दंडित किया तथा धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 रू के अर्थदण्ड से दंडित किया ।
अति. जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि, दिनांक 23-07-2019 को फरियादी एवं उसका परिवार रात मे खाना खाकर सो रहे थे । दुसरे दिन सुबह 6 बजे जब फरियादी उठा तो देखा कि उसकी बड़ी लड़की घर पर दिखाई नहीं दी व गांव में तलाश किया जो नहीं मिली बाद में मेने अपने रिश्तेदारों में तलाश करने पर नहीं मिली फरियादी को शंका हुई कि आरोपी सुनिल उसकी लड़की को कही बहला फुसला कर ले गया । फरियादी ने अपने बड़े भाई व पिता के साथ रिपोर्ट करने की । फरियादी की सूचना पर थाना निम्बोला द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363, 366, 376, 376(2) 376 एन 3/4 5(एल)/6 पास्को एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। दिनांक 12.12.2019 को बालिका को अभियुक्त सुनील के कब्जे से दस्तयाब किया गया। बालिका द्वारा बताया गया कि उसका जीजा आरोपी सुनील उसे शादी का कहकर व जिद कर बहकाकर जबरदस्ती उसके साथ पिंगली महाराष्ट्र ले गया जहा झोपडी मे उसे पत्नी की तरह रखा व प्रतिदिन उसके साथ उसकी मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाये ।
प्रकरण महिला एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों से संबंधित होने के कारण गंभीर प्रकृति का है इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई , उन्होंने विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष साक्षीयो पर नियंत्रण रखकर प्रभावशाली कथन कराये विचारण, पश्चाकत बहस के समय न्याकयदृष्टातों के साथ महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए । मा. अपर सत्र न्यापयाधीश श्री आर. के. पाटीदार से अवस्क बालिका को बहला फुसलाकर ले जाने वाले आरोपी सुनिल पिता सरदार उम्र 21 वर्ष निवासी पिंगली सोनाका , जिला जलगांव को धारा 363 भा.दं.सं. के अंतर्गत 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2000 रू के अर्थदण्डक से दंडित किया तथा धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 रू के अर्थदण्डध से दंडित करवाया।
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