मध्यमवर्गी और लाचारओ के होगे ख्वाब पूरे अब लाचार बुजुर्ग विकलांग भी करेंगे कर्बला की जियारत
भोपाल (म. प्र) बोहरा समाज के लिए कर्बला की जियारत एक हसीन सपना है लेकिन यह सपना इतनी आसानी से सच नहीं होता खासकर उन लोगों के लिए जो बुजुर्ग हैं विकलांग है जिस्मानी रूप से लाचार है ऐसे लोगों के लिए कर्बला की जियारत सपना ही है लेकिन ऐसे सपनों को हकीकत में बदलने का काम मेजब ट्रस्ट ने पूरा किया है जिसके लिए ट्रस्ट के सभी लोगों ने दिन रात मेहनत की अपने विशाल नेटवर्क के जरिए 1 साल तक ऐसे लोगों को ढूंढा गया जो इस हक के हकदार है उनके लिस्ट बनाई गई जिसमें से 53 लोगों को अलग अलग किया गया ट्रस्ट ने ऐसी महिलाओं से बात की जिनकी उम्र 80 साल है जो लाचार है जो चल फिर नहीं सकते जिन्होंने 20 साल से घर के बाहर की रोशनी नहीं देखी अवैध कर्बला का मंजर अपनी आंखों से देख सकेंगे इसइस सफर को पूरा करने के लिए कर्बला जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है जो किसी के पास नहीं थे लेकिन प्रोजेक्ट के लोगों ने हार नहीं मानी और 11 जायरीन का पासपोर्ट बनवाया अब धीरे-धीरे करके सभी जायरीन अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए निकल रहे हैं 10 औरतों का एक समूह भोपाल से ट्रेन के रास्ते अहमदाबाद और फिर नजफ और फिर कर्बला की जियारत करने के लिए रवाना हो रहा है इस मे प्रोजेक्ट इंचार्ज इब्राहीम अली दाऊदी ने ये भी बताया की हमने भोपाल में और आसपास 53 लोगों को ढूंढ निकाला है अभी हम 10 लोगों को अहमदाबाद से कर्बला की तरफ भेज रहे हैं
इस पूरे प्रोजेक्ट मे हमरा सहयोग भोपाल पूर्व अमिल साहब शेख ताहिर अली भनपुरवाला ने किया उन्होंने सभी जयरीन को डॉक्टर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब द्वारा संचालित चलाए जा रहे अमतुल्ला आई ट्रस्ट से आधे पैसे करवाए और आधे पैसे फ़ैज़ ए हसनैन ने के मुल्ला शब्बीर भाई बियवार वाला ने सयोग प्रदान किया।
हम आगे भी ऐसे लोगो को फ़ैज़ और अमतुल्ला आई ट्रस्ट के सहयोग से ऐसे मोमिन जिनके पास बाकी की राशि नही है उनको सयोग देते रहंगे।
तफज्जुल हुसैन मुलायम वाला इंडिया न्यूज़ 53
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