वाल्मिकी संगठन ने किया निगम का घेराव कहा मांगे नही मानी तो करेंगे चक्का जाम, निगमायुक्त ने संगठन से मांगा एक मौका।
वाल्मिकी संगठन ने किया निगम का घेराव कहा मांगे नही मानी तो करेंगे चक्का जाम, निगमायुक्त ने संगठन से मांगा एक मौका।
बुरहानपुर म प्र(राजूूूसिंघ राठौड)अंग्रेजों के समय से चली आ रही विभिन्न लंबित मांगों को लेकर वाल्मीकि संगठन ने लोकसभा चुनाव बाद पुनः मांगों को लेकर हुंकार भरी गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण वाल्मीकि संगठन की सभी गतिविधियों पर विराम था। किंतु आचार संहिता खत्म होने के बाद पेहली बार समाज जनों ने नगर पालिक निगम पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर निगम परिसर मे जमकर नारेबाजी कि निगम आयुक्त की
अनुपस्थिति होने के कारण पदाधिकारीयो ने सहायक आयुक्त कमलेश पाटीदार से मांगो को लेकर चर्चा की किन्तु पाटीदार ने संगठन पदाधिकारियों से कहा कि उन्हे कोई भी मांग पूरी करने का अधिकार नहीं है जिस पर समाज जनों ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।
संगठन पदाधिकारियों ने नगर पालिक निगम आयुक्त भगवानदास भुमरकर से फोन पर चर्चा कि निगमायुक्त ने वाल्मीकि संगठन के पदाधिकारियों से दो दिवस का समय मांगा है और कहा है की मुझे एक मोका दे भोपाल से लौटने पर दो दिवस के भीतर समस्याओं को गंभीरता पूर्वक लेकर उनका निराकरण करेंगे। वाल्मीकि संगठन के संस्थापक उमेश जंगाले ने बताया कि समाज जनों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन, आंदोलन एवं रेली निकाल कर ज्ञापन दिया किन्तु समस्या जस की तस बनी है।
अधिकारी हमेशा टालमटोल कर मांगों को शासन स्तर की बताकर बहाना बनाते हैं। हमने इन्हे शासन के आदेश की कॉपी भी दी किन्तु इनके कान पर जूं नहीं रेंगी। जबकी पूर्व में सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह, एवं महापौर अनिल भोसले सहित कलेक्टर और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांगे पूरी करने का आग्रह किया था और इन सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारियो ने आश्वासन दिया था की जल्द ही मांगे पूरी करेंगे किन्तु कोई मांग पूरी नही हुई। जंगाले ने कहा कि मांगे पूरी नही होने पर वाल्मिकी संगठन ने पुर्व मे हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने घोषणा की थी लेकिन जनप्रतिनिधियों की समझाईश एवं आश्वासन पर समाज जनो ने अपना निर्णय वापस ले लिया था। उन्होने कहा की महापौर अनिल भोसले ने 50 लाख के सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की थी किन्तु वह घोषणा पर भी अमल नही कर पाये इससे प्रतीत होता है की महापौर समाज के लोगो को लॉलीपॉप देकर उनके साथ भेदभाव कर रहे है। जंगाले ने कहा की समाज मे अब जागरुकता आ चुकी है और यदि समस्याओ का समाधान शीघ्र अतिशीघ्र नहीं किया जाता है तो समाज के लोग विवश होकर चक्का जाम सहित अलग - अलग तरह से अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे जिसमें होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी और जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की रहेगी। लंबित मांगो मे भूमि मालकाना हक, बेरोजगारो की निगम मे सीधी भर्ती, समाज का सामुदायिक भवन, विनियमितो को नियमितकरण व अन्य शामिल है। इस दौरान संग्राम बालगोहर, हुकम जंगाले, सुमेर जंगलिया, सहदेव बोयत, विजय पथरोल, शंकर बालू, रवि जंगाले, गोविंद चावरे, एवं महिलाओं में दीपा डोलकर गंगा चावरे, निर्मला सौदे, जशोदा बोयत, पूजा घारू, रूपाली जंगाले, सुनीता सुनगत, नीतू सोनवाल, शारदा गोहर सहित बडी संख्या मे पदाधिकारी उपस्तिथ थे।
बुरहानपुर म प्र(राजूूूसिंघ राठौड)अंग्रेजों के समय से चली आ रही विभिन्न लंबित मांगों को लेकर वाल्मीकि संगठन ने लोकसभा चुनाव बाद पुनः मांगों को लेकर हुंकार भरी गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण वाल्मीकि संगठन की सभी गतिविधियों पर विराम था। किंतु आचार संहिता खत्म होने के बाद पेहली बार समाज जनों ने नगर पालिक निगम पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर निगम परिसर मे जमकर नारेबाजी कि निगम आयुक्त की
अनुपस्थिति होने के कारण पदाधिकारीयो ने सहायक आयुक्त कमलेश पाटीदार से मांगो को लेकर चर्चा की किन्तु पाटीदार ने संगठन पदाधिकारियों से कहा कि उन्हे कोई भी मांग पूरी करने का अधिकार नहीं है जिस पर समाज जनों ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।
संगठन पदाधिकारियों ने नगर पालिक निगम आयुक्त भगवानदास भुमरकर से फोन पर चर्चा कि निगमायुक्त ने वाल्मीकि संगठन के पदाधिकारियों से दो दिवस का समय मांगा है और कहा है की मुझे एक मोका दे भोपाल से लौटने पर दो दिवस के भीतर समस्याओं को गंभीरता पूर्वक लेकर उनका निराकरण करेंगे। वाल्मीकि संगठन के संस्थापक उमेश जंगाले ने बताया कि समाज जनों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन, आंदोलन एवं रेली निकाल कर ज्ञापन दिया किन्तु समस्या जस की तस बनी है।
अधिकारी हमेशा टालमटोल कर मांगों को शासन स्तर की बताकर बहाना बनाते हैं। हमने इन्हे शासन के आदेश की कॉपी भी दी किन्तु इनके कान पर जूं नहीं रेंगी। जबकी पूर्व में सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह, एवं महापौर अनिल भोसले सहित कलेक्टर और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांगे पूरी करने का आग्रह किया था और इन सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारियो ने आश्वासन दिया था की जल्द ही मांगे पूरी करेंगे किन्तु कोई मांग पूरी नही हुई। जंगाले ने कहा कि मांगे पूरी नही होने पर वाल्मिकी संगठन ने पुर्व मे हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने घोषणा की थी लेकिन जनप्रतिनिधियों की समझाईश एवं आश्वासन पर समाज जनो ने अपना निर्णय वापस ले लिया था। उन्होने कहा की महापौर अनिल भोसले ने 50 लाख के सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की थी किन्तु वह घोषणा पर भी अमल नही कर पाये इससे प्रतीत होता है की महापौर समाज के लोगो को लॉलीपॉप देकर उनके साथ भेदभाव कर रहे है। जंगाले ने कहा की समाज मे अब जागरुकता आ चुकी है और यदि समस्याओ का समाधान शीघ्र अतिशीघ्र नहीं किया जाता है तो समाज के लोग विवश होकर चक्का जाम सहित अलग - अलग तरह से अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे जिसमें होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी और जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की रहेगी। लंबित मांगो मे भूमि मालकाना हक, बेरोजगारो की निगम मे सीधी भर्ती, समाज का सामुदायिक भवन, विनियमितो को नियमितकरण व अन्य शामिल है। इस दौरान संग्राम बालगोहर, हुकम जंगाले, सुमेर जंगलिया, सहदेव बोयत, विजय पथरोल, शंकर बालू, रवि जंगाले, गोविंद चावरे, एवं महिलाओं में दीपा डोलकर गंगा चावरे, निर्मला सौदे, जशोदा बोयत, पूजा घारू, रूपाली जंगाले, सुनीता सुनगत, नीतू सोनवाल, शारदा गोहर सहित बडी संख्या मे पदाधिकारी उपस्तिथ थे।
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