जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर श्री 1008 महावीर स्वामी का 2618 वर्ष पूर्व बिहार प्रान्त के
बुरहानपुर:-{राजू राठौड चीफ एडिटर} जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर श्री 1008 महावीर स्वामी का 2618 वर्ष पूर्व बिहार प्रान्त के कुण्डलपुर नगर मे हुआ था|
बचपन से ही अपनी त्याग, तपस्या एवं अहिंसा के कारण सम्पूर्ण विश्व में अव्दितीय व्यक्तित्व के साथ जन जन में आदर्श है और अप्रत्यक्ष प्रेरक का कार्य करते हैं | महावीर किसके है, उनके है जो महावीर को मानने वाले है| महावीर खुद वीतरागी है| जैन धर्म मे दो सुरवीरो की चर्चा है| आज संसार के विभिन्न धर्मावलंबियों में भी उनका व्यक्तित्व अहिंसा और अपरिग्रह के कारण प्रतिष्ठा को प्राप्त है| कौन एेसा है कि जो गुणों की अनदेखी कर सके? वे सच्चे अर्थो मे विजेता है, क्योंकि उन्होने किसी और को नही जीता बल्कि स्वंय को जीता |
जो युध्दक्षेत्र में हजारों हजारों लोगो को जीतते है वे भी जिन नहीं हैं बल्कि जो एकमात्र अपने आप के जीतते है वही सच्चे विजेता है| एेसी भ्रामक मान्यता चल पड़ी थी कि कर्म करो,फल की इच्छा मत करो या तुम कर्म करो फल मैं (मेरी इच्छानुसार) दूँगा | भगवान महावीर ने कहा की यह उचित नहीं है| जो व्यक्ति जैसे कर्म करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा | यदि कर्म कोई और करे और फल कोई और दे या भोगे तो शुभाशुभ है| आत्मा ही परमात्मा बन सकती है| ये उद्बोधन पंड़ित सुरेन्द्र जैन भारती ने बुधवार को धर्म सभा आनंद भवन मे कहे|
समिति संयोजक जम्बू कुमार पहाड़िया ने कहा की स्व. टीकमचंद सेठिया की स्मृति मे 10 वीं व 12 वीं बोर्ड परीक्षा मे 70 प्रतिशत के अधिक नंबर प्राप्त किये चांदी के पदक दिये गये| शिखा राजेन्द्र जैन, मोहित जैन, सम्यक जैन, विराज जैन, श्रृती जैन,साहिल जैन,यश जैन जतन सेठिया परिवार दिये गए|महावीर सोनी ने बताया की चांदी के रथ मे श्रीजी को विराजमान करने का सौभाग्य विमलादेवी लुहाड़िया, रथ के सारथी महावीर रावका परिवार, चवर सुरेश जैन, निर्मल जैन को प्राप्त हुआ | जैन परम्परा के महावीर भगवान अहिंसा और अनेकान्त के उपदेश के मर्म थे| किसी जीव की हत्या, पीड़ा पहुचाना, दास ना बनाना, किसी आहत नही करना चाहिए |
ये उद्बोधन पंड़ित कमलेश शास्त्री ने गांधी चौक मे कहे|भव्य शोभा यात्रा सुबह 8:30 बजे राजपुरा स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मे प्रारंभ होकर पांडुमल चौराहा, कमल तिराहा, गांधी चौक, तांगा स्टैण्ड, सुभाष चौक, साड़ी बाजार, माता चौक, अग्रसेन तिराहा, पांडुमल चौराहा से होते हुए तिलक चौराहा स्थित श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर पर समापन हुआ और आनंद भवन मे धर्म सभा मे परिर्वती हो गई| मार्ग मे भाजपा, मारवाड़ी युवा मंच कांग्रेस पार्टी, रोटरी क्लब, व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोभा यात्रा पर पूष्प वर्षा कि गई, समाजजनो ने रथ मे विराजमान भगवान की आरती उतारी गई| गायक आलोक जैन, गौरव गंगवाल, संजय जैन ,विपिन जैन ने भक्तिमय भजनो पर समाजजन थिरके| त्रिशला नंदन विर की जय बोलो महावीर की...., मेरे सर पर रखदो दोनो हाथ मेरे महावीर...., महावीर मै आऊगा तुझको मनाऊगा.......| धर्म सभा मे मंगलाचरण आलोक जैन ने किया|दीप प्रज्जवलन किया गया|
सकल जैन समाज एकता मंडल परीक्षा मे सफल पांच जोड़ियो को पुरस्कार दिये| तृतीय जोडि विजेता नमिता नितिन जैन व प्रेरणा नितिन जैन को मिला था| यात्रा मे बैड बाजे, घोड़े, दो रथ, झांकियाँ महावीर भगवान के जन्म के समय की भजन ट्राली आदी थे|
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