महिष्मति घाट से निकली ऐतिहासिक नर्मदेश्वर कांवड़ यात्रा जगह-जगह हुआ स्वागत श्रावण मास में विशेष परंपरा बनी पहचान
महिष्मति घाट से निकली ऐतिहासिक नर्मदेश्वर कांवड़ यात्रा जगह-जगह हुआ स्वागत श्रावण मास में विशेष परंपरा बनी पहचान
मण्डला- सावन मास के अंतिम सोमवार को महिष्मति घाट मंडला से पहली बार नर्मदेश्वर कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। यहां प्रात:काल विधि विधान से मां नर्मदा का पूजन अर्चन करते हुए महाआरती के साथ नर्मदा जल कांवड़ में भरा गया और सैकड़ो की संख्या में धर्मप्रेमी कांवड़ लेकर व्यास नारायण मंदिर किला घाट के लिए रवाना हुए। नमामि नर्मदे महाआरती ट्रस्ट महिष्मति घाट के तत्वावधान में आयोजित इस ऐतिहासिक यात्रा का आरंभ प्रात: 9 बजे हुआ जिसमें सैकड़ो शिवभक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कांवड़ यात्रा की शुरुआत मंत्रोच्चार और हर-हर महादेव के जयघोष के बीच महिष्मति घाट से की गई। इस पवित्र अवसर पर शिवलिंग की विशेष झांकी यात्रा का प्रमुख आकर्षण रही जिसे बैंड-बाजों, ढोल-नगाड़ों और फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था। पूरे मार्ग में भक्ति, उत्सव और श्रद्धा का अद्वितीय संगम देखने को मिला। इस भव्य आयोजन में मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, नगरपालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा, जिला पंचायत सदस्य शैलेष मिश्रा, कलेक्टर सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा एवं सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट के साथ ट्रस्ट सदस्य संजय तिवारी, नीरज अग्रवाल, धीरज अग्रवाल, रितेश अग्रवाल, मनोज फागवानी सहित सामाजिक लोग शामिल हुए। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने इस यात्रा में स्वयं कांवड़ सेवा की। साथ ही भगवान भोलेनाथ की पालकी भी उठाई। पुलिस बैंड द्वारा माँ नर्मदा आरती की धुन के साथ यात्रा को गंतव्य के लिए आगे बढ़ाया गया। कांवड़ यात्रा माहिष्मती घाट से सर्किटहाउस चौक, नेहरू स्मारक, बैगा-बैगी चौक, रेडक्रॉस, बड़ चौराहा, उदय चौक, बुधवारी बाजार से होते हुए किलाघाट स्थित व्यासनारायण मंदिर परिसर में संपन्न हुई। यात्रा में 151 कांवड़ यात्रियों ने माँ नर्मदा का पवित्र जल व्यास नारायण मंदिर में शिवलिंग पर अर्पित किया। व्यासनारायण मंदिर परिसर में हवन एवं आरती कर जिलेवासियों के कल्याण की कामना की गई। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में फलाहार का वितरण किया गया। नगर में अंतिम श्रावण सोमवार के अवसर पर आयोजित भव्य कांवड़ यात्रा में शामिल यात्रियों का नगर के विभिन्न चौक-चौराहों में आत्मीय स्वागत किया गया। नगर के धर्मप्रेमीजनों ने कांवडय़ात्रियों का तिलक-वंदन तथा पुष्पवर्षा कर सम्मान किया। नगरपालिका परिषद की ओर से कांवड़ यात्रा पर पुष्पवर्षा की गई। यात्रा मार्ग में स्थित श्रीराम मंदिर एवं श्री हनुमान मंदिर बुधवारी चौक में श्रृद्धालुओं ने पूजन-अर्चन कर प्रसाद ग्रहण किया। विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से कांवड़ यात्रियों को यात्रा के दौरान शीतल जल भी उपलब्ध कराया गया। इस पूरी यात्रा के दौरान नगर में आस्था और अनुशासन का अद्भुत मेल देखने को मिला। भक्तजन भगवा वस्त्र, कांवड़, त्रिशूल और शिव ध्वज के साथ भक्ति भाव में लीन दिखे। युवाओं ने ढोल और बैंड की ताल पर शिव तांडव का उल्लास से स्वागत किया वहीं बुजुर्ग श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के नाम में मग्न दिखे। नमामि नर्मदे महाआरती ट्रस्ट द्वारा इस आयोजन की समस्त व्यवस्थाएं अत्यंत सुनियोजित ढंग से की गई थीं। यात्रा मार्ग की साफ-सफाई, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण आदि सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया। आयोजन समिति के सदस्यों ने दिन-रात परिश्रम कर इस इस भव्य आयोजन में अनेक सामाजिक धार्मिक संगठनों और युवाओं ने तन-मन-धन से सहभागिता निभाई। शहर के विभिन्न कोनों से आए श्रद्धालुओं ने इस यात्रा को श्रावण मास की सबसे भव्य बताया और आयोजकों की सराहना की। ऐसी कांवड़ यात्रा मंडला में पहली बार देखी है सब कुछ दिव्य और अद्भुत था शिवलिंग की झांकी देखकर मन भाव-विभोर हो गया यह यात्रा अब हर साल होनी चाहिए। आयोजकों ने यह भी बताया कि यह यात्रा अब हर वर्ष श्रावण मास में एक विशेष परंपरा के रूप में आयोजित की जाएगी जिससे मंडला की धार्मिक पहचान को एक नई दिशा मिलेगी। मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने कहा कि यह यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जो हमें भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और आस्था व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है नर्मदेश्वर कांवड़ यात्रा, नर्मदा के पवित्र जल से भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए निकाली जाती है। यह यात्रा विशेष रूप से सावन के महीने में भक्तों द्वारा उत्साहपूर्वक निकाली जाती है। इस यात्रा में भक्त नर्मदा से पवित्र जल भरकर कांवड़ में लाते हैं और फिर उसे विभिन्न शिव मंदिरों में भगवान शिव को अर्पित करते हैं। वही पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने कहा कि नर्मदा जल से भगवान शिव का अभिषेक करना, भक्ति और आस्था को प्रदर्शित करना, और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। पंडित नीलू महाराज ने कहा कि यह यात्रा आमतौर पर सावन के महीने में विशेष रूप से सोमवार को निकाली जाती है। कांवडि़ए नर्मदा तटों से जल भरकर, विभिन्न मंदिरों से होते हुए, अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। यात्रा के दौरान, भक्त बोल बम और हर हर महादेव जैसे जयकारे लगाते हैं, और रास्ते में उनका स्वागत किया जाता है। उन्होंने अन्य पुरोहितो के साथ विधि विधान से पूजन अर्चन कराया। वहीं बड़ चौराहा में सिंधी समाज ने पुष्पवर्षा करते हुए कांवडिय़ो का स्वागत किया तो वहीं उदय चौंक में पत्रकार परिषद के द्वारा पेयजल वितरण किया गया।
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