नैनपुर-निवारी मार्ग बना डेंजर जोन
नैनपुर-निवारी मार्ग बना डेंजर जोन - चकोर पुल से एमपीईबी ऑफिस तक डिवाइडर और लाइट की सख्त जरूरत
- हर दिन बढ़ रही दुर्घटनाओं की संख्या, वर्षों से जानें जाती रहीं लेकिन अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई,
- सड़क किनारे जनपद पंचायत कार्यालय समेत कई अहम संस्थान स्थित
नैनपुर- नैनपुर नगर से सटे निवारी मार्ग की हालत अब इतनी खराब हो चुकी है कि यह आम लोगों के लिए रोजमर्रा की जानलेवा चुनौती बन गई है। चकोर पुल से लेकर एमपीईबी कार्यालय तक का पूरा सड़क मार्ग अब एक ऐसे डेंजर जोन के रूप में जाना जा रहा है जहां हर दिन हादसे होते हैं। इस क्षेत्र में अत्यधिक ट्रैफिक दबाव के बावजूद आज तक न डिवाइडर बनाया गया और न ही स्ट्रीट लाइट लगाई गई है।
दोनों तरफ की तेज रफ्तार गाड़ियां एक ही पट्टी पर
इस मार्ग पर हर समय दो तरफा वाहनों की तेज आवाजाही बनी रहती है। बिना डिवाइडर के दोनों दिशा के वाहन आमने-सामने से गुजरते हैं, जिससे टक्कर की स्थिति बनती है। खासकर सुबह और शाम के समय, जब स्कूली बच्चों, कर्मचारियों और ग्रामीणों की आवाजाही अधिक होती है, दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
रात में घना अंधेरा, स्ट्रीट लाइट नदारद
इस सड़क पर स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से अनुपस्थित हैं। रात में पूरा क्षेत्र घने अंधेरे में डूबा रहता है। बिना किसी प्रकाश व्यवस्था के वाहन चालक केवल अनुमान के सहारे गाड़ी चलाते हैं। बारिश या कोहरे के दिनों में यह स्थिति और खतरनाक हो जाती है।
जनपद पंचायत कार्यालय भी हे इसी मार्ग पर
इस मार्ग पर जनपद पंचायत कार्यालय, एमपीईबी कार्यालय, शासकीय स्कूल, कॉलोनियां और स्थानीय संस्थान भी स्थित हैं। यानी यह केवल आवागमन का मार्ग नहीं बल्कि शासकीय गतिविधियों का केंद्र भी है। फिर भी इस इलाके में मूलभूत सुरक्षा संरचनाएं आज तक नहीं बन पाई।
हर साल मौतें, फिर भी प्रशासन चुप
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, बीते कई वर्षों से यहां हर साल कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन किसी भी प्रशासनिक या जनप्रतिनिधि स्तर से इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कार्यवाही अब तक नहीं की गई। दुर्घटनाएं हो रही हैं, परिवार उजड़ रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से केवल चुप्पी दिखाई दे रही है।
अब टालमटोल नहीं, सुरक्षा निर्माण जरूरी
इस क्षेत्र की स्थिति अब और टालने योग्य नहीं है। जनता की मांग है कि इस मार्ग पर तत्काल डिवाइडर निर्माण किया जाए, पूरे हिस्से में स्ट्रीट लाइट लगाई जाए और आवश्यक चेतावनी संकेतक बोर्ड भी लगाए जाएं, जिससे ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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