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नैनपुर में अंतराष्ट्रीय देशज दिवस की तैयारी,भव्य कार्यक्रम में पहुंचेंगे समाज के विचारक

 


नैनपुर में अंतराष्ट्रीय देशज दिवस की तैयारी,भव्य कार्यक्रम में पहुंचेंगे समाज के विचारक


  • नगर में भोजली टोकनी के साथ निकलेगी चल समारोह

  • समारोह मे पहुंचेंगे, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के प्रबुद्ध जन

  • कार्यक्रम में लगभग 74 पंचायत के गांव के युवा, मातृशक्ति एवं पितृशक्ति जुटेंगे

 

नैनपुर - सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित इंटरनेशनल डे ऑफ़ द इंडिजीनियस पीपुल्स के अवसर पर 9 अगस्त के दिन विश्व भर के देशज लोग 31 वां अंतराष्ट्रीय देशज दिवस बड़े ही धूमधाम से मना रहे है, नैनपुर में भी अंतरराष्ट्रीय देशज दिवस की तैयारी जोरों से चल रही है कार्यक्रम में लगभग 74 पंचायत के गांव के युवा, मातृशक्ति एवं पितृशक्ति जुटेंगे, अंतराष्ट्रीय देशज दिवस गोंडवाना की परंपरा, संस्कृति और सामूहिकता का भव्य प्रतीक बनने जा रहा है।

नगर में भोजली टोकनी के साथ निकलेगी चल समारोह

इस मौके पर आदिम समुदाय की तैयारियां जोरों पर हैं |अखिल गोंडवाना महासभा और गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन नैनपुर के सयुंक्त तत्वाधान में अंतराष्ट्रीय देशज दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है | कार्यक्रम की शुरूआत कार्यक्रम स्थल कृषि उपज मंडी से होगी |  यहां नैनपुर सहित 74  ग्राम पंचायतों के जनजाति समाज के लोग एकत्रित होंगे। वहां से रैली के रूप में गोंडवाना तिराहा निवारी, ब्लॉक कालोनी, सिवनी फाटक से मुड़कर पोलिस थाने के पास से होकर ज्ञापन सौंपकर कार्यक्रम स्थल तक रैली निकाली जाएगी। कृषि उपज मंडी में सभा आयोजित की जाएगी। रैली में जनजाति समाज के लोग अपने पारंपरिक पहनावे में नजर आएंगे। वे हाथों में गोंडी वाद्ययंत्र बजाते हुए गोपन, तीर-कमान, लेकर झूमते और गाते हुए चलेंगे। वही इस बार मातृशक्तियों के सिर भोजली टोकनी के साथ दिखेंगे | 


समारोह मे पहुंचेंगे, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के प्रबुद्ध जन

अंतर्राष्ट्रीय देशज दिवस 9 अगस्त के आयोजन में आयोजन समिति ने तीन मुख्य अथितियों को आंमत्रित किया है प्रथम मुख्य अथिति  तिरु. उषाकिरण अत्राम  महाराष्ट्र राज्य के कचारगढ़ (धनेगांव ) से  सुप्रसिद्ध आदिवासी कवयित्री हैं। वह पहली पीढ़ी की ऐसी कवयित्री हैं, जो सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में संघर्ष करते हुए साहित्य सृजन किया हैं । उनका सरोकार गोंडवाना साहित्य, समाज और संस्कृति के साथ संपूर्ण आदिवासी समाज की प्रगति से है। उनकी आवाजाही साहित्य की सभी विधाओं में से दादा सुन्हेर सिंह तराम ( संस्थापक गोंडवाना दर्शन ) वर्तमान संपादक हैं | कार्यक्रम के मुख्य अथिति में डॉक्टर हीरा मीना जी राजस्थान से एक आदिवासी नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो आदिवासियों के अधिकारों और संस्कृति के लिए काम कर रहीं हैं। आदिवासी समुदाय के मुद्दों को उजागर करने और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई रहीं हैं उन्होंने आदिवासी साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया है.  कार्यक्रम के मुख्यअथिति में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष इंजी कमलेश तेकाम हैं, जो मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की रक्षा सुरक्षा के लिये गोंडवाना आंदोलन के विचारों का नेतृत्व कर रहे हैं | मुख्य अथितियों के साथ समाज के प्रमुख जन

पूर्व विधायक देवसिंग सैयाम, नैनपुर तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे, डॉ. सुरेन्द्र बरकड़े, गोंड समाज महासभा के प्रदेश सचिव सीताराम गोंड, जनपद अध्यक्ष  ओमवती उड़के, बालाघाट की सुप्रीसिद्ध कवित्री प्रेम रमा तेकाम, समाजिक कार्यकर्ता गुलाब उड़के, इन्दर सिंह उइके,  राजाराम मर्सकोले, तिरु. वंदना तेकाम , तिरु. उर्मिला उड़के एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष लालजू मर्सकोले अथिति बेला में उपस्थित रहेंगे |

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