हाई स्कूल तिलई की छात्राओं को आए चक्कर
हाई स्कूल तिलई की छात्राओं को आए चक्कर
- सीएमएचओ ने अभिभावकों से की अपील, झाड़-फूंक से बचें
- मानसिक दबाव के कारण हो सकती है ऐसी समस्या, काउंसलिंग से होगा इलाज
नैनपुर. विकासखंड नैनपुर के तिलई हाई स्कूल में छात्राओं के स्वास्थ्य से जुड़ी एक घटना सामने आई है। जिसमें विगत दिवस 2 अगस्त को स्कूल की एक छात्रा को चक्कर आने के बाद उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। इसी दौरान दो-तीन अन्य छात्राओं को भी इसी तरह की समस्या होने लगी, जिससे स्कूल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। डॉक्टरों ने इसे एक छात्रा को देखकर बाकी छात्राओं में उत्पन्न हुआ भय बताया है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और शिक्षकों ने सभी छात्राओं को बम्हनीबंजर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मंडला रेफर किया गया। लेकिन कुछ छात्राओं के अभिभावकों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की बजाय लफरा स्थित एक मढिय़ा में झाड़-फूंक कराने वाले व्यक्ति के पास ले गए। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे बात की, तो छात्राओं की तबीयत फिर बिगडऩे लगी।

चिकित्सकों की टीम ने जब छात्राओं से उनकी समस्या के बारे में पूछा तो वे स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पा रही थीं और अजीब व्यवहार कर रही थीं। सीएमएचओ डॉ. डीजे मोहती ने बताया कि यह किशोर अवस्था में मानसिक दबाव, पढ़ाई के तनाव या दैनिक जीवन के दबाव के कारण हो सकता है। यह घबराहट और चिंता की समस्या है, जिसे काउंसलिंग के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
सीएमएचओ ने अभिभावकों से अपील की है कि ऐसी स्थिति में वे झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, बल्कि अपने बच्चों को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित किशोर स्वास्थ्य क्लिनिक में ले जाएं। उन्होंने कहा कि इन क्लिनिकों में काउंसलर मौजूद होते हैं जो बच्चों को सही सलाह दे सकते हैं। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे घर और समाज में बच्चों को प्यार भरा और उचित माहौल दें जिससे ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।
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