ATM कार्ड चोरी का खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार
ATM कार्ड चोरी का खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार
एटीएम कार्ड चोरी का खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार
- बिहार के शातिर चोरों ने अपनाया था गोंद का तरीका
- नैनपुर पुलिस ने सुलझाया मामला
नैनपुर. नैनपुर पुलिस ने एटीएम कार्ड चोरी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं और एटीएम कार्ड फंसाकर लोगों के खातों से लाखों रुपए निकाल लेते थे। पुलिस ने आरोपियों को पांच दिवस की पुलिस रिमांड के बाद न्यायालय में पेश किया गया।

- जानकारी अनुसार घटना 23 जुलाई की है, जब फरियादी विश्वजीत सिंह वायामने पुलिस को बताया कि उनका और उनकी पत्नी का एटीएम कार्ड नैनपुर के एसबीआई एटीएम में फंस गया था। उसके पहले उन्होंने एटीएम से दस हजार रूपए की निकासी की थी, जिसके बाद एटीएम फंस गया। उन्होंने एटीएम के बाहर लिखे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, तो दूसरी तरफ से एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें शाम तक इंजीनियर के आने की बात कहकर घर भेज दिया। बाद में उन्हें पता चला कि उनके खाते से 1 लाख 5 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं। इस पर पुलिस ने बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

साइबर सेल मंडला की मदद से सिवनी पुलिस को सूचना दी गई। पता चला कि आरोपियों ने नैनपुर में चोरी किए गए एटीएम कार्ड से सिवनी के एटीएम से पैसे निकाले थे। पुलिस ने आरोपियों की तलाश की और उन्हें पिपरिया, होशंगाबाद में चोरी के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया। ये आरोपी अविनाश (35), सूरजकुमार (26) और धर्मेंद्र कुमार (21) हैं। पूछताछ में उन्होंने नैनपुर और रीवा में भी चोरी की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।

बताया गया कि नैनपुर पुलिस ने आरोपियों को रीवा जेल के बाहर से गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे एटीएम के बाहर अपना मोबाइल नंबर हेल्पलाइन के रूप में चिपका देते थे। एक आरोपी गोंद जैसा लिक्विड एटीएम कार्ड डालने वाली जगह पर लगा देता था, जिससे कार्ड फंस जाता था। जब पीडि़त मदद के लिए कॉल करता, तो वे कार्ड चुराकर दूसरी जगह से पैसे निकाल लेते थे।

पांच दिन की पुलिस रिमांड पूरा होने के बाद 28 अगस्त को आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है। इस सफल खुलासे में थाना नैनपुर के निरीक्षक बलदेव सिंह मुजाल्दा, उपनिरीक्षक सलमान कुरैशी, प्रधान आरक्षक प्रशांत चौधरी, आरक्षक सुरेश जैतवार, सजल चकोले और कंकुल नगपुरे के साथ साइबर सेल मंडला के सुरेश भटेरे और सूर्यचन्द्र बघेल का विशेष योगदान रहा।
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