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40 साल की सेवा का मिला अनमोल सम्मान — न पद, न पैसा, सेवा ही सबसे बड़ी पहचान

 40 साल की सेवा का मिला अनमोल सम्मान — न पद, न पैसा, सेवा ही सबसे बड़ी पहचान



  • निर्मला स्कूल की मिसाल — बच्चों को लाने-ले जाने वाले बने स्वतंत्रता दिवस के मुख्य अतिथि, बच्चों की मुस्कान के रक्षक को फहरवाया तिरंगा


मंडला-  स्वतंत्रता दिवस पर जहां देशभर में तिरंगे की शान और आज़ादी का जश्न मनाया जा रहा था, वहीं मंडला जिला मुख्यालय स्थित निर्मला हायर सेकेंडरी स्कूल ने एक अनोखी और दिल छू लेने वाली पहल कर सबका दिल जीत लिया। स्कूल प्रबंधन ने इस वर्ष के ध्वजारोहण समारोह में कोदूदास बघेल को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया — वह शख्स जो पिछले 40 वर्षों से स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की सेवा कर रहे हैं। कभी साइकिल रिक्शे से और अब ऑटो रिक्शे से, कोदूदास बघेल ने अपनी पूरी जिंदगी बच्चों की मुस्कान और उनकी सुरक्षा के नाम कर दी। उनकी ईमानदारी, समय पालन, और सेवा भाव ने न सिर्फ स्कूल प्रबंधन, बल्कि अभिभावकों और छात्रों के दिल में भी खास जगह बनाई है।



 सम्मान का यादगार पल


कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल स्टाफ ने तिलक-वंदन कर उनका स्वागत किया और उन्हें स्कूल प्रांगण में विशेष अतिथि की तरह प्रवेश कराया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, तिरंगे को सलामी दी और राष्ट्रगान में सभी के साथ स्वर मिलाया।

कार्यक्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने देशभक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से माहौल को भावनाओं से भर दिया। स्कूल प्रबंधन ने कोदूदास बघेल को स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भावुक होते हुए उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा किए और कहा बच्चों के साथ यह सफर मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी है। उनका प्यार और विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी कमाई है।"


 स्कूल प्रबंधन की भावनाएं* 


स्कूल प्रबंधक ने कहा आज हम एक सच्चे कर्मयोगी, एक जीवन योद्धा का सम्मान कर रहे हैं। श्री कोदूदास बघेल जी का जीवन सेवा, समर्पण और इंसानियत का जीता-जागता उदाहरण है। चाहे तपती धूप हो या बरसात, इनका मुस्कुराता चेहरा और बच्चों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी हम सभी के लिए प्रेरणा है।"



 एक मिसाल, जो हमेशा याद रहेगी

स्वतंत्रता दिवस पर इस अनूठे सम्मान ने यह संदेश दिया कि असली नायक सिर्फ मंचों या किताबों में नहीं, बल्कि हमारे आसपास ही होते हैं  जो बिना किसी स्वार्थ के, वर्षों तक दूसरों की सेवा करते हैं। निर्मला हायर सेकेंडरी स्कूल की यह पहल आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाती है कि सम्मान पद और पैसे से नहीं, बल्कि दिल से की गई सेवा से मिलता है। इस दौरान मेनेजर सिस्टर ज्योत्सना फिलिप, प्राचार्य सिस्टर क्लारा कुजूर, उप प्राचार्य सिस्टर ट्रेसा, सिस्टर अंजली, सिस्टर रेशमी यादव, सिस्टर सविता इक्का के साथ समस्त शिक्षक  शिक्षिकाएं और कार्यालय स्टॉफ उपस्थित था

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