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किसानों की मेहनत को बहा ले गयी नदी की बाढ़, हरे भरे खेत वीरान

 


किसानों की मेहनत को बहा ले गयी नदी की बाढ़,  हरे भरे खेत वीरान 


  • मक्का, धान और अरहर फसल तैयार कर रहे थे जो हुई बर्बाद

  •  बाढ़ के कारण नदी के तटीय क्षेत्रो की  खेतो में बोयी गई फसलो में काफी नुकसान 


नैनपुर पिंडरई -  वर्तमान में अत्याधिक वर्षा हो रहा हैं, आलोन नदी में बाढ़ ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। किसान मक्के, अरहर और धान की फसल तैयार कर रहे थे , जो पौधा बनने से पहले ही नष्ट हो गई, जिससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। किसानों ने हाईब्रीड की महंगी दाम लगाकार मक्के व धान की फसल लगाईं थीं | मगर इस बार समय से पहले बाढ़ आ जाने के कारण फसल बिना कटे ही नष्ट हो गई। आलोन नदी मैं बाढ़ के कारण नदी के तटीय क्षेत्रो की  खेतो में बोयी गई फसलो में काफी नुकसान हुआ है। बोयी गई फसल अंकुरित होने के पहले एवं कुछ पौधा बनते ही बाढ़ के चपेट मैं आने से बह गया हैं |  खासतौर से मक्का की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गयी है, जिसकी वजह से अन्नदाता के ऊपर आर्थिक संकट आ गया है, किसान ने फसल उगाने के लिये , महंगा बीज व लागत के साथ समय पर खेती किया था परन्तु इस दैवीय आपदा के कारण किसानो को आर्थिक व मानसिक नुकसान पहुंचा है, जिसकी वजह से अन्नदाता बर्बादी के कगार पहुँच गये है, किसानों के पास पुनः बोने के लिये वर्षाकाल मैं धन की कमी हो गई हैं, किसानो के इस संकट भरे समय मे प्रशासन को आगे आकर इनके साथ खड़ा होना चाहिये, किसानो के नुकसान का उचित आंकलन कर यथाशीघ्र मुआवजा देने की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए, जिससे अन्नदाता को राहत मिल सके | वर्षाकाल आपदा का तत्काल संज्ञान लेते हुये आलोन नदी के तटीय क्षेत्र लालपुर, खुर्सीपार, लूटमरा, पुतर्रा, धर्राची, पिपरिया सालीवाड़ा पिंडरई व नैनपुर भू - राजस्व क्षेत्र के सभी ऐसे गांव जहाँ बारिश, व बाढ़ के कारण फसलों का नुकसान हुआ है, वहाँ यथाशीघ्र इस नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा प्रदान करे | किसानों का  कहना है कि फसल नष्ट होने से सबकुछ नष्ट हो गया। इस समय मक्का, धान और अरहर फसल तैयार कर रहे थे जो बर्बाद हो गई। बाढ़ के कारण मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो गई है, फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं | 



              





इनका कहना है


आलोन नदी के बाढ़ से प्रभावित किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला पिछले साल भी बाढ़ से खराब फ़सल के लिये प्रशासन से मुआवजे की मांग किया गया था पर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया इस वर्ष तो फसल उगने के पहले ही बाढ़ ने किसानों की पसीना बहा ले गया, प्रशासन यथाशीघ्र इस नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा दिलवाने हेतु कार्यवाही करे ।

कमलेश गोंड 

गोंगपा मध्यप्रदेश

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