प्रसव उपरान्त माँ को छुट्टी देने से पहले जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश
प्रसव उपरान्त माँ को छुट्टी देने से पहले जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश
भारत के महारजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु पंजीयन भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देशानुसार शासकीय चिकित्सालयों में प्रसव उपरान्त माँ को छुट्टी देने से पहले जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है। जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 (2023 में संशोधित) की धारा 12 के अनुसार रजिस्ट्रार द्वारा जन्म का पंजीकरण पूरा होते ही, किन्तु सात दिन के भीतर, धारा 8 या धारा 9 के तहत सूचना देने वाले सूचनादाता को इलेक्ट्रॉनिक या अन्य तरीके से जन्म प्रमाण पत्र देगा। भारत के महारजिस्ट्रार द्वारा पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली में सुधार करते हुए रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन कर जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 लागू किया गया राज्य जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण नियमों में संगत संशोधन कर एक नए केंद्रीय सीआरएस पोर्टल का विकास किया है। जन्म प्रमाण पत्र के बढ़ते महत्व को देखते हुए, यह समय की मांग है कि यह प्रमाण पत्र नवजात शिशु की माँ को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही दे दिया जाए, खासकर सरकारी अस्पतालों द्वारा जहां कुल संस्थागत जन्मों में से 50 प्रतिशत से अधिक प्रसव होते हैं।
- देश भर में सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसीएस) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसीएस) को पंजीकरण इकाइयों के रूप में नामित किया गया है। ऐसी पंजीयन इकाइयों के रजिस्ट्रारों को जन्म प्रमाण पत्र तत्काल जारी करने के महत्व के बारे में जागरूक किये जाने के निर्देश प्राप्त हैं क्योंकि वर्तमान में जन्म प्रमाण पत्र की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है। इसलिए शासकीय चिकित्सालयों के रजिस्ट्रारों को प्रोत्साहित करने, उनके मनोबल बढ़ाने एवं प्रचार-प्रसार करने के साथ ही प्रोत्साहित होकर शासकीय अस्पताल में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र बनाकर माँ को अस्पताल से छुट्टी देने के पूर्व उसके हाथ में शिशु का जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें। इससे जिले में एक अच्छा वातावरण संबंधित रजिस्ट्रारों के प्रति निर्मित होगा और लोग स्वयं आगे आकर जन्म प्रमाण पत्र की उपयोगिता एवं महत्ता को देखते हुए प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रेरित होंगे, साथ ही अधिकारियों के प्रति भी सदभावना पैदा होगी।
समस्त शासकीय चिकित्सालयों के रजिस्ट्रार प्रत्येक संस्थागत प्रकरणों में प्रसव उपरान्त माँ को छुट्टी देने के पूर्व ही उसके नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र उनके हाथ में सौंपकर ही छुट्टी दें। चूँकि वर्तमान में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कुल जन्म का लगभग 50 प्रतिशत से अधिक प्रसव शासकीय चिकित्सालयों में हो रहे हैं इनका शत-प्रतिशत पंजीकरण कर प्रमाण पत्र जारी किये जायें। इसके अलावा सूचनादाताओं को भी 7 दिवस के भीतर इलेक्ट्रॉनिक, व्हाट्सऐप, ईमेल, डाक एवं एएनएम, एमपीडब्ल्यू, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से भी जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाए जाएं।
सावधानियों एवं आवश्यक निर्देश
शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में किसी भी प्रकार की त्रुटि न करें। शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में पिता का वास्तविक नाम ही दर्ज करें, घरेलू नाम दर्ज न करें। शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में माता-पिता का पता गलत न लिखें। शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में सरनेम गलत न लिखें। शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में जन्म तारीख लिखने में त्रुटि न करें। आवश्यकतानुसार शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में माता-पिता का आधार नम्बर त्रुटि रहित डाले जायें। शिशु के जन्म प्रमाण पत्र में लिपिकीय त्रुटि होने की संभावना रहती है इसे दूर किया जाये। शिशु के जन्म प्रमाण पत्र प्रिंट निकालने के पूर्व संबंधित रिश्तेदारों, सूचनादाताओं व शिशु के पिता को प्रमाण पत्र का अवलोकन कराकर मिलान कराकर प्रिंट निकालकर जारी किया जाये। प्रसव हेतु शासकीय चिकित्सालय में भर्तीरत माँ के अटेंडर व उसके पति व रिश्तेदारों से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर फार्म भरवा लेना चाहिए जिससे प्रमाण पत्र बनवाने में कोई कठिनाई उत्पन्न नहीं होगी। संस्थागत प्रसवों में जिस दिन जितने भी प्रसव होते हैं उसी दिन सभी प्रसव के प्रकरणों में जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाईन बना लिये जाएं। शासकीय चिकित्सालयों के प्रसव कक्ष में जन्म पंजीयन के संबंध में तत्काल बोर्ड लगवायें जिसमें जन्म पंजीयन संबंधी समस्त सूचनाएँ अंकित हों। चिकित्सालय परिसर के बाहर भी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) पंजीयन का बोर्ड लगवायें। प्रसूतिकक्ष प्रभारी एवं जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा प्रभारी एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के मध्य समन्वय स्थापित कराये जावें, प्राप्त कमियों को दूर करते हुए ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के निर्देशन में उक्त कार्य सम्पन्न कराये जायें। संस्थागत प्रसवों के प्रकरणों के संबंध में किसी भी शासकीय चिकित्सालय संबंध में किसी भी शासकीय चिकित्सालय से जन्म प्रमाण पत्र संबंधी शिकायत प्राप्त न हो अगर उपरोक्त निर्देशानुसार पात्रता रखने के उपरान्त भी समस्त आवश्यक दस्तावेज एवं आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त भी लापरवाही बरती जाती है तो अधिनियमों के तहत कार्यवाही
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