नैनपुर में गहराया खाद संकट
नैनपुर में गहराया खाद संकट
- भीषण गर्मी में लंबी कतारों में खड़े किसान
- बिचौलियों की साठगांठ का आरोप
- मंडला जिले में खाद की किल्लत बनी राजनीतिक अखाड़ा

नैनपुर. नैनपुर में इन दिनों खाद की किल्लत ने किसानों की कमर तोड़ दी है। वार्ड नंबर 14 स्थित खाद्य गोदाम पर पिछले एक सप्ताह से किसान लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। भीषण गर्मी के बावजूद सुबह 7 बजे से ही किसान अपने सिर पर गमछा बांधकर और पानी की बोतल लेकर गोदाम खुलने का इंतजार करते देखे जा सकते हैं।
किसानों की शिकायत है कि छोटे रकबे वाले किसानों को घंटों यहाँ तक कि दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि बड़े रकबे वाले और ट्रक-ट्रैक्टर में खाद ले जाने वाले किसान एक घंटे में ही अपना नंबर लगाकर खाद ले जा रहे हैं। यह भेदभाव पूर्ण व्यवहार किसानों में गहरा आक्रोश पैदा कर रहा है। बताया गया कि पिछले वर्ष भी इसी प्रकार खाद की किल्लत का सामना करना पड़ा था, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है। किसानों का आरोप है कि भाजपा सरकार आने के बाद किसानों पर लाठीचार्ज जैसी घटनाएं बंद हो गई थीं, लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आदिवासी बाहुल्य जिले में अधिकारी और राजनेता बिचौलियों से सांठगांठ कर रहे हैं।

राजनीतिकरण और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
किसानों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि भाजपा के जनप्रतिनिधि कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और उन्हें किसानों की समस्याओं को देखने का समय नहीं मिल रहा है। वे सत्ता में रहते हुए भी हर महीने कार्यक्रमों में ही लगे रहते हैं। किसानों का दर्द देखने के बजाय वे सिर्फ एक किसान सम्मेलन आयोजित कर लंबे-लंबे भाषण देकर पल्ला झाड़ लेते हैं, जबकि धरातल पर फैली अराजकता उन्हें दिखाई नहीं देती।
किसानों का दर्द और कांग्रेस कार्यकाल की याद
कई किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए आंखों में आंसू छलका दिए। उन्होंने बताया कि लगभग 12 वर्षों के बाद उन्हें पुन: कांग्रेस कार्यकाल की याद आने लगी है, जब इसी तरह की किल्लत और परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ती थीं। यह स्थिति वर्तमान में किसानों को खाद की उपलब्धता में कितनी कठिनाई हो रही है और वे इस समस्या के समाधान के लिए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।

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