कृषि विभाग के प्रभारी उपसंचालक का कारनामा
कृषि विभाग के प्रभारी उपसंचालक का कारनामा
- पति से कराया चैम्बर का निर्माण और सास से कराया उद्घाटन
मण्डला- जिले में पिछले कई वर्षों से अंगद की तरह पांव जमा कर बैठे अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। आलम यह है कि सरकारी दफ्तर को भी अपना घर का आंगन समझ कर जो मर्जी है वह कर रहे हैं। ऐसी ही बानगी देखने को मिल रही है मंडला मुख्यालय स्थित कृषि विभाग की जहां प्रभारी उपसंचालक मधु अली द्वारा मनमानी करते हुए अपने चेंबर का निर्माण पहले तो अपने पति से कराया गया। जिसकी लागत लगभग 5 लाख रुपए बताई जा रही हैं। हद तो तब हो गई जब लगभग 5 लाख रुपए की लागत से कराए गए उक्त चेंबर का उद्घाटन भी अपनी सास से करा लिया गया और अपनी सास को उपसंचालक की कुर्सी पर बैठा कर नियमों की धज्जियाँ उडाई गई। मनमानी का आलम यह है कि कृषि विभाग में प्रभारी होने के बाद प्रभारी बनने के साथ ही मधु अली द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की नीयत से काम किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि सरकारी अधिकारी द्वारा अपनी कुर्सी पर अपने परिजन को बैठाना, सरकारी कामकाज और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग के अंतर्गत आता है। यह आधिकारिक दायित्वों के निर्वहन में बाधा डालता है और पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। इसके साथ ही सरकारी अधिकारी को अपने पद का उपयोग व्यक्तिगत लाभ या किसी और के लाभ के लिए नहीं करना चाहिए। लेकिन अधिकारी द्वारा अपनी अपनी कुर्सी पर अपने परिजन को बैठाना इसी तरह का दुरुपयोग है।अधिकारी को अपनी कुर्सी पर बैठना चाहिए और अपने काम को निष्पादित करना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो इससे सरकारी कामकाज में बाधा आएगी और कामकाज में देरी होगी। सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता होनी चाहिए। अगर कोई अधिकारी अपने परिजन को अपनी कुर्सी पर बैठाता है, तो यह सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।
सरकारी अधिकारी द्वारा अपनी कुर्सी पर अपने परिजन को बैठाना सिविल सेवा के आचरण नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए कार्रवाई का प्रावधान है।
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