ट्रैफिकिंग का भयावह चेहरा, मोहगांव में नाबालिग की संदिग्ध मौत, दूसरी लापता
ट्रैफिकिंग का भयावह चेहरा, मोहगांव में नाबालिग की संदिग्ध मौत, दूसरी लापता
- मंडला में मानव तस्करी रैकेट का खुलासा, पूर्व विधायक ने उठाए गंभीर सवाल

मंडला . मंडला जिले के मोहगांव थाना क्षेत्र से मानव तस्करी और नाबालिग बच्चियों की प्रताडऩा का एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। ग्राम मचला के पोषक गांव मिर्चा खेड़ा की दो नाबालिग बच्चियों को लगभग डेढ़ साल पहले मोहगांव ब्लाक की ममता बाई और उसके पति सुखचैन मसराम निवासी बोदा खैरी द्वारा दिल्ली ले जाया गया था। इनमें से एक बच्ची का शव 27 मई मंगलवार को एम्बुलेंस से वापस लाया गया है, जबकि दूसरी बच्ची पिछले कई महीनों से लापता है और उसका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।


जानकारी अनुसार यह घटना मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट की ओर इशारा कर रही है। ममता बाई और सुखचैन मसराम कई वर्षों से लड़कियों की दलाली और सप्लाई का काम करते हैं। इन पर पूर्व में भी कई शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। मंडला के पूर्व विधायक और प्रदेश महासचिव कांग्रेस डॉ. अशोक मर्सकोले ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित किया है।


डॉ. मर्सकोले ने पुलिस प्रशासन और मेडिकल टीम से तत्काल जांच की मांग की है, क्योंकि यह मामला अत्यंत संवेदनशील और गंभीर है। उन्होंने बताया कि ममता बाई और सुखचैन मसराम खैरी गांव में कई वर्षों से रह रहे हैं और उनकी कई बार शिकायतें भी की गई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिलहाल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही दूसरी लापता बच्ची की तलाश भी जारी है। इस घटना ने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और मानव तस्करी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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