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संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं हुई प्रभावित

 


संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं हुई प्रभावित 

  • अस्पताल और ग्राम स्तर पर होने वाली जांचे ना होने से मरीज हुए परेशान
  • कलेक्टे्रट मार्ग मंडला में धरना प्रारंभ

मंडला . जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी मंगलवार 22 अप्रैल से अपनी मांगो को लेकर बेमियादी हड़ताल पर चले गये है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मप्र के प्रांतीय आव्हान पर पूरे प्रदेश के साथ पहले ही दिन मंडला जिले में हडताल का व्यापक असर देखने मिला है। जिले के विभिन्न उप स्वास्थ्य केन्द्र पर टीकाकरण प्रभावित रहा है। सीएचओ की उपस्थिति नहीं होने से 350 से अधिक एचडब्ल्यूसी पर महिलाओं, बच्चों व अन्य मरीजों की जांच नहीं हो सकी है। कार्यालयीन कामकाज ठप्प पड़ गये है। बच्चों की स्क्रीनिंग थम गई है।

जिलाध्यक्ष डा. मुकेश झारिया ने बताया कि जिले में करीब 700 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है। वर्ष 2023 में तात्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा महापंचायत में घोषणाएं की गई थी। जिस पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कटौती कर दी गई है। इसके विरोध में चरणबद्ध आंदोलन के बाद संविदा कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं जिले में प्रभावित हो गई है। हितग्राहियों को सेवाएं नहीं मिल सकी है।

यह हैं मुख्य मांग 

संविदा कर्मियों की मांग है कि रिक्त 50 प्रतिशत पदों पर संविदा कर्मियों का संविलियन कर नियमित किया जाये, ईएल, मेडिकल को यथावत रखा जाए, अनुबंध प्रथा को समाप्त किया जाये, शुरू किये गये अप्रेजल को समाप्त किया जाये, सेवनिवृत्ति 65 वर्ष रखी जाये, एनपीएस, ग्रेज्युटी, बीमा, डीए दिया जाए, वेतन निर्धारण विसंगति कोदूर किया जाये, निष्कासित सपोर्ट स्टाफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की वापसी की जाये।

स्वास्थ्य सुविधाएं हुई प्रभावित 

बताया गया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने के कारण आम जनता को टीकाकरण की सुविधा नहीं मिल पा रही है। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांचें प्रभावित हुई हैं। एनआरसी और एसएनसीयू का कार्य भी बाधित हो रहा है। एनसीडी के तहत आने वाले मरीजों की बीपी और शुगर जैसी महत्वपूर्ण जांचें नहीं हो पा रही हैं, जिससे मरीज और वृद्धजन परेशान होते नजर आए। इसके साथ ही टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियों की जांचें भी हड़ताल के कारण नहीं हो पा रही हैं, जिससे इन बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने सुनी मांग, चर्चा का आश्वासन 

हड़ताल के पहले दिन भाजपा जिलाध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा ने संविदा कर्मियो से मुलाकात कर समस्या और मांग सुनी। महिला कर्मियों ने उनके सामने नियमित महिला कर्मचारियों की तरह सुविधाएं दिलाये जाने की मांग भी रखी। भाजपा जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से इस संबंध में चर्चा कर ध्यान आकृष्ट कराने का आश्वासन दिया है।



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