पानी खरीदने को मजबूर हे ग्रामीण, खाली डिब्बा लेकर किया प्रदर्शन
पानी खरीदने को मजबूर हे ग्रामीण, खाली डिब्बा लेकर किया प्रदर्शन
- खाली डब्बे लेकर महिलाओ ने जनपद पंचायत का किया घेराव
- जिले में एक ऐसा गाँव जहाँ आज तक नही पहुँची नल जल योजना
- ग्राम बीरमपुर में जल संकट, महिलाओं ने किया खाली डिब्बों के साथ प्रदर्शन

मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में एक ऐसा गांव है जहां आज तक नल जल योजना नहीं पहुंची है, जिसके कारण ग्रामीण और मवेशी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। इस गंभीर स्थिति से परेशान होकर बड़ी संख्या में महिलाएं अपने सिर पर खाली डिब्बे लेकर जनपद पंचायत बीजाडांडी का घेराव करने पहुंचीं।


- जानकारी अनुसार जनपद पंचायत बीजाडांडी की ग्राम पंचायत बेलखेड़ी के अंतर्गत आने वाले ग्राम बीरमपुर में हर घर नल, हर घर जल के सरकारी दावे और जिले के पीएचई विभाग की कार्यप्रणाली पूरी तरह से विफल साबित होती नजर आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में आज तक नल जल योजना का लाभ नहीं मिला है और वे पिछले कई वर्षों से अन्य जल स्रोतों से अपनी प्यास बुझाते आ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस भीषण गर्मी में गांव के जल स्रोत भी सूख गए हैं, जिससे स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। ग्राम बीरमपुर की महिलाओं ने बताया कि वे तो जैसे-तैसे पानी का इंतजाम करके अपना काम चला लेती हैं, लेकिन उनके मवेशियों को बिल्कुल पानी नसीब नहीं हो रहा है, जिसके चलते बेजुबान जानवर प्यासे मर रहे हैं।



बताया गया कि जिले की ग्राम पंचायत बेलखेड़ी के ग्राम बीरमपुर में पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है, लेकिन पीएचई विभाग ने ग्रामीणों को नल जल योजना का लाभ नहीं पहुंचाया है, जिसके कारण हर साल ग्रामीणों को पानी के लिए तरसना पड़ता है। हर घर नल, हर घर जल का दावा करने वाली सरकार और पीएचई विभाग के दावों की पोल खुल गई है। अब यह देखना होगा कि उक्त गांव में कब तक पानी पहुंचता है या ग्रामीण हमेशा की तरह इस वर्ष भी पानी के लिए तरसते रहेंगे।



500 रूपए महिने में खरीद रहे पानी
जिले की जनपद पंचायत बीजाडांडी की ग्राम पंचायत बेलखेड़ी के ग्राम बीरमपुर में नलजल योजना शुरू नहीं हुई है। ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे वे गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में नल जल योजना का कोई लाभ नहीं मिला है। वे निजी बोर से 500 रुपये प्रति माह देकर दिन में एक बार पानी भरकर दो-तीन दिन तक उसका उपयोग करने को मजबूर हैं। इससे ग्रामीणों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है और दैनिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कभी कभी तो निजी बोर वाला पानी देने को भी तैयार नहीं होता है। जिसके कारण परेशानी होती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल इस समस्या का समाधान करने की मांग की है। सरकार द्वारा चलाई जा रही नलजल योजना का लाभ उन्हें मिले।

इनका कहना है
इस गांव में हर साल पानी की समस्या बनी रहती है, इसके लिए कई बार उच्च अधिकारियों के साथ जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अवगत कराया है, लेकिन आज दिनांक तक कोई समाधान नहीं हो सका है। ग्रामीणो की इस समस्या का जल्द निदान होना जरूरी है।

विजेन्द्र यादव, जनपद उपाध्यक्ष
बीजाडांडी सीईओ को दो महीने पहले ही ग्राम बीरमपुर की पानी की समस्या के बारे में जानकारी दे दी थी, लेकिन सीईओ द्वारा आज तक ग्रामीणों की पानी की समस्या का समाधान नहीं कराया गया है। इसी वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर खाली डिब्बे लेकर जनपद पंचायत बीजाडांडी पहुंची हैं।

रवि नररेती, जनपद सदस्य
गांव में पानी की बहुत समस्या है, ना पीने का पानी मिल रहा है ना ही निस्तार के लिए पानी मिल रहा है, मवेशी के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है, बहुत परेशानी है, दूसरे के बोर से पानी पैसे से लेकर अपना गुजारा कर रहे है। एक नल बड़ाटोला में है, जिसमें से भी बमुश्किल पानी मिलता है।

दुर्गिया बाई, ग्रामीण
तीन साल से पानी की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे है, मवेशी को पानी नहीं मिल पा रहा है। मवेशी मरने की स्थिति में आ गए है। नलजल योजना के लाभ से गांव दूर है। निजी बोर से 500 रूपए महिना देकर एक एक टाईम पानी भर कर दो तीन इस पानी का उपयोग करते है। जल्द पानी की समस्या हल की जाए।

विमला बाई बरकड़े, ग्रामीण
पानी की समस्या के निदान के लिए सभी ग्रामीण जनपद आए है, सीईओ मेडम ने कहां कि दो चार दिन में इस समस्या का हल हो जाएगा। वहीं गांव में पानी के लिए दो दिन टेंकर भेजा गया था, लेकिन इसके बाद टेंकर से भी पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण ग्रामीण परेशान है।

बबली परते, ग्रामीण
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