चिकित्सकों की देखरेख में स्वस्थ्य हुई नवजात बच्ची
44 दिन की जंग के बाद नवजात ने पाई नई जिंदगी
- मंडला जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती थी बच्ची
- बच्चे को सांस की गंभीर समस्या के कारण सीपीएपी मशीन पर रखा
- चिकित्सकों की देखरेख में स्वस्थ्य हुई नवजात बच्ची
मंडला जिला चिकित्सालय मंडला में 4 मार्च को नॉर्मल डिलीवरी से एक बच्चे का जन्म हुआ था। जन्म के समय उसका वजन 1 किलो 200 ग्राम था और नवजात को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। बच्चे की हालत काफी गंभीर थी, जिसके कारण उसे मंडला जिला अस्पताल एसएनसीयू में भर्ती किया गया। नवजात का इलाज तुरंत शुरू किया गया और नवजात बच्चा 44 दिन की जंग के बाद एक नई जिंदगी मिली।

- जानकारी अनुसार विकासखंड बिछिया के ग्राम खरपरिया निवासी बेबी ऑफ सोनकली पिता राहुल पटेल ने विगत माह 4 मार्च को एक बच्ची को जन्म दिया था। एसएनसीयू प्रभारी डॉ. अंकित चौरसिया ने बताया कि बच्चे को सांस की गंभीर समस्या के कारण सीपीएपी मशीन पर रखा गया था। नवजात की हालत काफी गंभीर थी, और उसका वजन गिरने लगा था। हीमोग्लोबिन की मात्रा भी बहुत कम थी। बच्चे को तीन बार खून चढ़ाया गया और नली से दूध देना शुरू किया गया। डॉक्टरों की टीम और माता-पिता ने उम्मीद नहीं हारी और आईसीयू के स्टाफ के सहयोग और डॉक्टरों की देखभाल में नवजात का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगा। 44 दिनों के इलाज के बाद बच्ची स्वस्थ हो गई और उसे छुट्टी दे दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केसी सरोते ने बताया कि चिकित्सकों की यह सफलता चिकित्सा विज्ञान की प्रगति और डॉक्टरों, नर्सों, और परिवार के सदस्यों के समर्पण को दर्शाता है। एक कमजोर नवजात शिशु का 44 दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष करना और अंतत: स्वस्थ होकर घर जाना एक प्रेरणादायक है। यह घटना जिला चिकित्सालय मंडला की चिकित्सा टीम की क्षमता और संसाधनों को भी उजागर करती है। इसके साथ ही माता-पिता ने चिकित्सकों पर विश्वास रखा और बच्चे की देखभाल में सक्रिय रूप से शामिल रहे। इस सफलता से अन्य परिवारों को भी उम्मीद मिलेगी जो इसी तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। चिकित्सा क्षेत्र में निरंतर प्रगति और मानव समर्पण से कई जीवन बचाए जा सकते हैं।
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