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वन कर्मी कान्हा के कोर और बफर जोन में कर रहे निगरानी

 


वन कर्मी कान्हा के कोर और बफर जोन में कर रहे निगरानी - 

  • त्यौहार के चलते अलर्ट मोड में कान्हा पार्क का वन अमला

मंडला  विश्व की सबसे बड़ी जैव विविधता की प्रयोगशाला राष्ट्रीय उद्यान कान्हा है। जहां पर हर प्रकार के जीव जंतु वनस्पति वनों से आच्छादित है। दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु एवं वन्य प्राणी की उपलब्धता है। राष्ट्रीय उद्यान कान्हा के नाम से मंडला जिले को पूरी दुनिया में जाना जाता है। कान्हा नेशनल पार्क भारत के मध्यप्रदेश में मंडला और बालाघाट जिले की सीमा कान्हा में स्थित है। 1930 के दशक में कान्हा क्षेत्र को दो अभ्यारण्यों में बांटा गया था, हालोन और बंजर। जिसका एरिया 250 और 300 वर्ग किलोमीटर था। वहीं कान्हा नेशनल पार्क का अब विस्तार हो चुका है। अब कान्हा क्षेत्र में कोर 941.792, बफर 1134.319 और फेन 110.740 वर्ग किलोमीटर में फैला है।

जानकारी अनुसार कान्हा नेशनल पार्क में शिकारियों पर नजर रखने समय-समय पर गश्ती अभियान कान्हा पार्क प्रबंधन द्वारा चलाया जाता है। चाहे वह रैनी सीजन हो या गर्मी का सीजन, वन कर्मी शिकारियों और अवैध करोबारियों पर नजर रखने तैनात रहते है। होली पर्व को देखते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व का अमला अलर्ट मोड में है। त्यौहार को देखते हुए जंगलों में लकड़ी कटाने वाले और वन्य प्राणियों का शिकार करने वाले अपराधी सक्रिय हो जाते है। इन्हीं अपराधियों पर नजर रखने के लिए कान्हा नेशनल पार्क का अमला कान्हा के कोर और बफर जोन में संयुक्त रूप से गश्ती अभियान चला रहा है।

बताया गया कि होली पर्व को देखते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व के वन कर्मी कोर व बफर जोन में अलर्ट है। यहां पार्क में लकड़ी की कटाई और वन अपराधियों पर नजर रखने के लिए पार्क प्रबंधन ने कोर व बफर जोन में करीब एक हजार वन कर्मी की संयुक्त टीम बनाकर कान्हा क्षेत्र के कोर 941.792 और बफर 1134.319 वर्ग किमी क्षेत्र में रात दिन गश्त कर रहे हैं। पर्व के दौरान वन्य जीवों समेत पक्षियों के शिकार की आशंका कान्हा पार्क में बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए संवेदनशील इलाकों पर विशेष निगरानी के लिए वन कर्मियों द्वारा गश्ती अभियान चलाया जा रहा है। बताया गया कि शिकारी जंगलों में पानी के स्रोतों और बिजली की लाइनों का सहारा लेकर वन्य जीवों का शिकार करते हैं। जिसको देखते हुए ऐसे क्षेत्रों में विशेष सावधानी के साथ गश्ती की जा रही है। जिससे शिकारी शिकार करने में कामयाब ना हो सके।

घुसपैठ ना हो इसके लिए चौकन्ने 

कान्हा नेशनल पार्क में संवदेनशील इलाके समेत अन्य क्षेत्रों में गश्ती के दौरान विशेष निगरानी की जा रही है। कान्हा नेशनल पार्क में 600 से अधिक संवेदनशील इलाके है। शिकारियों और अपराधियों की घुसपैठ के अंदेशा को देखते हुये वन कर्मचारियों का दल यहां 24 घंटे नजर बनाये हुए है। दल में मौजूद अधिकारी, कर्मचारी निगरानी कर रहे है। जिससे घुसपैठ ना हो।

गश्ती दल ने तार के फंदे के साथ पकड़ा शिकारी 

कान्हा के जंगल में शिकारी पर नजर बनाए रखने वनकर्मी सजगता से गश्ती करते है। होली पर्व में वन्यप्राणियों के शिकार की संभावना को देखते हुए क्षेत्र संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व रविंद्र मणि त्रिपाठी एवं उपसंचालक बफर श्रीमती अमिथा के मार्गदर्शन में होली पर्व पर विशेष गस्ती अभियान शुरू किया गया है। जिससे कान्हा क्षेत्र में होने वाले शिकार पर नजर रखी जा सके। बताया गया कि विशेष गश्ती अभियान के तहत गश्ती के दौरान विगत 14 मार्च को सुबह 6 बजे वन परिक्षेत्र गढ़ी के बीट खिरसाड़ी के कक्ष क्रमांक 94 में एक व्यक्ति को 10 मीटर तार के फंदे एवं एक मृत जंगली खरगोश के साथ गश्ती दल द्वारा पकड़ा गया।



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