बनाई जीवंत प्रतिमा, भेजी जा रही धार्मिक नगरी बनारस
- मडला में बनी बनारस के लिए आकर्षक और जीवंत प्रतिमाएं
- मृदुकिशोर इंडस्ट्री ने मार्बल पत्थर में डाल दी जान
- मार्बल पत्थर के मां बेटी की 15 टन वजनी 12 फिट की प्रतिमा
- 15 टन के नंदी और 15 टन के शेर की आकर्षक प्रतिमा
- बनाई जीवंत प्रतिमा, भेजी जा रही धार्मिक नगरी बनारस
मंडला- आदिवासी बाहुल्य जिला अब किसी बड़े महानगरों से पीछे नहीं है। भले ही यहां बड़े-बड़े उद्योग, कारखाने ना हो, लेकिन इस आदिवासी जिले में हुनरमंद और अपने जिले का गौरव बढ़ाने वालों की कमी नहीं है। हर क्षेत्र में मंडला जिले के लोग अपनी पहचान बना रहे है। देश दुनिया में इस आदिवासी बाहुल्य जिले का नाम रोशन कर रहे है। जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 30 मेें बसे ग्राम फूलसागर में जिले की एक मात्र मार्बल ग्रेनाईट इंडस्ट्री मुदृकिशोर ग्रुप द्वारा संचालित की जा रही है। यहां बनाए जा रहे मार्बल पत्थर और उनकी कलाकृति पूरे भारत में धूम मचा रही है। अभी हाल ही में इस इंडस्ट्री में तीन भव्य विशाल पत्थर की मूर्तियों का निर्माण किया गया, जो धार्मिक नगरी बनारस के लिए भेजी गई। ये मूर्तियां इतीन आकर्षक और जीवंत लग रही थी, कि देखने वाले लोग इसकी तारीफ करते थक नहीं रहे थे।
जानकारी अनुसार मार्बल ग्रेनाईट इंडस्ट्री मुदृकिशोर ग्रुप द्वारा विगत वर्ष आयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण में मंडला से मार्बल भेजा गया था जो अयोध्या के श्रीराम मंदिर पर लगाया गया है। इसके बाद अब धार्मिक नगरी बनारस में भी गु्रप के द्वारा कलाकृति भेजी जा रही हैं, जो जिले के लिए गौरव की बात है। मंडला जैसे आदिवासी बाहुल्य जिले में उद्योग व्यापार स्थापित करना कठिन तो है ही साथ ही यहां पर सुविधाओं का अभाव भी दिखाई देता है। इसके बाद भी गु्रप के संचालक किशोर काल्पीवार और उनकी पत्नी मृदुला काल्पीवार इस काम में जुटे हुए हैं।
बताया गया सात वर्ष में मार्बल इंडस्ट्री को पूरे भारत में पहचान दिलाकर जिले का गौरव बढ़ाया है। जिले में निर्मित की जा रही कलाकृतियां महानगरों में जाने लगी हैं। जहां पर बड़ी मात्रा में इन कलाकृतियों की मांग है। मप्र के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक किशोर काल्पीवार जो कि मंडला के ही निवासी हैं। उन्होंने बताया कि मार्बल पत्थर से निर्मित मां और बेटी की प्रतिमा जिसकी ऊंचाई 12 फिट है और वजन 15 टन है। जो कि मातृत्व के संदेश को दे रही है। इसी के साथ मार्बल पत्थर के 15 टन के नंदी और 15 टन के शेर की भव्य आकर्षक मार्बल पत्थर से निर्मित प्रतिमाओं को बनारस भेजा रहा हैं। जिसका निर्माण मंडला के फूलसागर स्थित मार्बल इंडस्ट्री में किया गया है। इन प्रतिमाओं को तैयार करने में लगभग 8 माह लगे हैं।
बताया गया कि आकर्षक और जीवंत दिखने वाली इन प्रतिमाओं को तैयार करने में कलाकार प्रवीण सरयाम एमएफए, भास्कर ज्योति सोनावाल एमएफए, जयपाल सिंह तेकाम बीएफए खैरागढ़ यूनिर्वसिटी, उमेश कुमार नेताम पीएचडी, अशोक ब्रम्हा एमएफए के साथ प्रोजेक्टर इंचार्ज सुमन मजुमदर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वहीं महिला उद्योगपति के रूप में पूरे मप्र में जानी और पहचानी जाने वाली श्रीमति मृदुला काल्पीवार इन प्रतिमाओं के निर्माण के समय खुद ही समय देते हुए मार्गदर्शन भी कलाकारों को दे रही थी, लिहाजा कम समय में ही इन प्रतिमाओं का निर्माण किया गया। जिन्हें बड़े वाहनों के माध्यम से गुरूवार को बनारस के लिए रवाना किया गया। जिसका विधि विधान से पूजन भी किया गया।
12 फिट ऊंची और 15 टन वजनी है प्रतिमाएं
यह प्रतिमा भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के संयुक्त सचिव उमा नंदूरी के दिशा-निर्देश पर यहां से भेजी जा रही हैं। इन तमाम प्रतिमाओं को तमाम सुरक्षाओं के बीच रवाना किया गया है। प्रतिमाएं को उत्तरप्रदेश के वाराणसी जिले में भेजा रहा हैं। बताया गया है कि रेल मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त पहल के तहत बनारस के सौंदर्य संवर्धन के लिए मध्यप्रदेश के मंडला जिले में मार्बल पत्थर की तीन मूर्तियां बनाई गई हैं। ये मूर्तियां वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा बनारस में स्थापित की जाएंगी। हालाकि इन मूर्तियों का आकार लगभग 12 फीट ऊंचाई और वजन लगभग 15 टन है।
प्रतिमाएं कर रही आकर्षित
बताया गया कि यहां के मार्बल का उपयोग मकराना के सफेद मार्बल के बीच अलग-अलग कॉम्बिनेशन में महरून, गोल्डन रंग के फूल आदि बनाने में हो रहा है। मंडला जिले में सफेद मार्बल की उपलब्धता के चलते पिछले तीन दशकों में भारत में मूर्ति का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इससे मंडला में मूर्ति का अच्छा मार्केट विकसित हो गया है। वर्तमान में मूर्ति का नाम आते ही मंडला शहर के फूलसागर का नाम जहन में आता है। यहां आने-जाने वाले लोगों को भी तैयार प्रतिमाएं अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मंडला के साथ अन्य स्थानों पर मूर्ति का कारोबार तेजी से बढऩे लगा है।
मंडला के पर्यटन को मिल सकता है बढ़ावा
बताया गया है कि विगत वर्ष अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में लगे मार्बलों की प्रोसेसिंग और कटिंग मंडला जिले में की गई है। जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित फूलसागर स्थित मार्बल इंडस्ट्री में जबलपुर और सीधी की खदानों से लाई जा रही संगमरमर की कटिंग हो रही थी और फिर इन संगमरमरों को नक्काशी के लिए राजस्थान और दिल्ली भेजा जा रहा है। इन प्रतिमाओं के निर्माण और रवानगी के दौरान अनेक गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे। धार्मिक नगरी बनारस के लिए बनाई गई आकर्षक प्रतिमाओं को देखा लोग आश्चर्यचकित रह गया और कहा गया कि अगर मंडला जैसे पिछड़े जिले में इस तरह की कलाकृति है तो इसका भरपूर सहयोग जिला प्रशासन को करना चाहिए। मंडला में अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जहां पर इन प्रतिमाओं की स्थापना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं मंडला का मार्बल भी देश दुनिया में तहलका मचा चुका है। बड़े महानगरों में मंडला के मार्बल पर की जा रही नक्कासी के लोग दिवाने हो चुकें हैं।
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