A description of my image rashtriya news परमात्मा से जुड़ाव ही सच्ची भक्ति का आधार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज - Rashtriya News Khabre Desh Prdesh Ki

Header Ads

परमात्मा से जुड़ाव ही सच्ची भक्ति का आधार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज



  •  परमात्मा से जुड़ाव ही सच्ची भक्ति का आधार
  •  निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

नैनपुर-   ‘‘भक्ति वह अवस्था है, जो जीवन को दिव्यता और आनंद से भर देती है। यह न इच्छाओं का सौदा है, न स्वार्थ का माध्यम। सच्ची भक्ति का अर्थ है परमात्मा से गहरा जुड़ाव और निःस्वार्थ प्रेम।‘‘ यह प्रेरणादायक विचार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने हरियाणा स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा में आयोजित ‘भक्ति पर्व समागम’ के अवसर पर विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।सतगुरु माता जी ने भक्ति की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान भक्ति का आधार है। यह जीवन को उत्सव बना देता है। भक्ति का वास्तविक स्वरूप दिखावे से परे और स्वार्थ व लालच से मुक्त होना चाहिए। जैसे दूध में नींबू डालने से वह फट जाता है, वैसे ही भक्ति में लालच और स्वार्थ हो तो वह अपनी पवित्रता खो देती है।




सतगुरु माता जी ने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान हनुमान जी, मीराबाई और बुद्ध भगवान का भक्ति स्वरूप भले ही अलग था, लेकिन उनका मर्म एक ही था-परमात्मा से अटूट जुड़ाव। भक्ति सेवा, सुमिरन, सत्संग और गान जैसे अनेक रूपों में हो सकती है, लेकिन उसमें निःस्वार्थ प्रेम और समर्पण का भाव होना चाहिए। गृहस्थ जीवन में भी भक्ति संभव है, यदि हर कार्य में परमात्मा का आभास हो।सतगुरु माता जी ने माता सविंदर जी और राजमाता जी के जीवन को भक्ति और समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इन विभूतियों का जीवन भक्ति और सेवा का श्रेष्ठ उदाहरण है।निरंकारी मिशन का मूल सिद्धांत यही है कि भक्ति परमात्मा के तत्व को जानकर ही सार्थक रूप ले सकती है।निःसंदेह सतगुरु माता जी के अमूल्य प्रवचनों ने श्रद्धालुओं के जीवन में ब्रह्मज्ञान द्वारा भक्ति का वास्तविक महत्व समझने और उसे अपनाने की प्रेरणा दी।



ब्रांच नैनपुर मीडिया प्रभारी कैलाश कटियार ने बताया की भक्ति पर्व समागम संत निरंकारी सत्संग भवन नैनपुर में जबलपुर से पधारे परम आदरणीय प्रचारक बहन खुशबू नागपाल जी के सानिध्य में संपन्न हुआ,प्रचारक बहन खुशबू नागपाल जी ने अपने पावन वचनों में सभी के भले की कामना की ओर कहा कि हमारा जीवन सेवा सिमरन सत्संग करते हुए बीते,जिसमें नैनपुर, मंडला, बम्हनी, देहवानी, मुंगापार, खेरांजी,केवलारी आदि संगत भी शामिल हुई, जिसमें नैनपुर ब्रांच मुखी महात्मा ज्वाला प्रसाद विश्वकर्मा, मंडला ब्रांच मुखी महात्मा अनिल बानी, कृष्णा महलवंशी, गुरपाल निरंकारी, सुदामा बोधानी, मूरत सिंह राजपूत, राजेश श्रीवास्तव आदि संत महात्मा बड़ी संख्या में समागम में शामिल हुए।।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.