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रेवांचल और नेहरू पार्क जीर्णोद्धार में घोटाला? घटिया सामग्री और अधूरे काम ने खड़े किए सवाल

 


रेवांचल और नेहरू पार्क जीर्णोद्धार में घोटाला? घटिया सामग्री और अधूरे काम ने खड़े किए सवाल 


मंडला - नगर के प्रमुख रेवांचल पार्क और नेहरू पार्क (एस.पी. ऑफिस के सामने) के जीर्णोद्धार में लगभग 65 लाख रुपये के बजट का उपयोग सवालों के घेरे में है। इन पार्कों को नगर विकास के तहत सुंदर और सुसज्जित बनाने के लिए बड़ी धनराशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन हकीकत में काम की स्थिति कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।  


 **पार्षद ने जताई कड़ी आपत्ति**  

वार्ड क्रमांक 11 की पार्षद श्रीमती कामिनी चौधरी ने जीर्णोद्धार कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर आपत्ति जताते हुए इसे जनता के साथ धोखा बताया। उन्होंने आरोप लगाया है कि:  

- **जर्जर उपकरण:** पार्क में लगाए गए उपकरणों पर जंग लगा हुआ है, और ऐसा प्रतीत होता है जैसे सेकंड हैंड सामग्री का उपयोग किया गया हो।  

- **अधूरे कार्य:** झूले और खेल उपकरण नहीं लगाए गए हैं, फव्वारे बंद हैं, और सौंदर्यीकरण का कार्य अधूरा है।  

- **गुणवत्ता की कमी:** उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता इतनी खराब है कि इसे देखकर काम में लापरवाही साफ झलकती है।  


प्रशासन से की कार्रवाई की मांग

श्रीमती कामिनी चौधरी ने इस मामले में मुख्य नगरपालिका अधिकारी और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर तत्काल जांच कराने और ठेकेदार का भुगतान रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा, "इस तरह की अनियमितताएं जनता के साथ विश्वासघात हैं। विकास कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"  


स्थानीय नागरिकों का फूटा गुस्सा

इन अनियमितताओं से नगरवासियों में भी आक्रोश फैल गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर विकास के लिए स्वीकृत महत्वपूर्ण बजट का दुरुपयोग हुआ है। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया सामग्री का उपयोग हुआ, जिससे जनता का पैसा बर्बाद हो गया।  


 क्या कहता है प्रशासन?

इस मामले पर प्रशासन की प्रतिक्रिया का अभी इंतजार है। लेकिन पार्षद की शिकायत और जनता के आक्रोश को देखते हुए यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा रहा है।  


भविष्य पर मंडरा रहा खतरा

यदि समय रहते इन अनियमितताओं पर कार्रवाई नहीं हुई, तो अन्य विकास कार्यों में भी पारदर्शिता और गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं।  


अब देखना यह है कि प्रशासन इन आरोपों को कितनी गंभीरता से लेता है और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई करता है। इस घोटाले ने नगर विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को एक बार फिर से सबके सामने ला दिया है।


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