पुरातत्वीय धरोहर संकट में: रामनगर के ऐतिहासिक महल उपेक्षा के शिकार
पुरातत्वीय धरोहर संकट में: रामनगर के ऐतिहासिक महल उपेक्षा के शिकार
मंडला - जिले से 20 किलोमीटर दूर स्थित रामनगर के ऐतिहासिक महल, जो राजा-महाराजाओं और रानी के गौरवशाली अतीत का प्रतीक हैं, आज उपेक्षा के कारण जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। इन महलों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अमूल्य है, लेकिन संरक्षण के अभाव में इनका अस्तित्व खतरे में है। भव्य वास्तुकला और शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध ये महल समय के थपेड़ों और लापरवाही की मार झेल रहे हैं। दीवारों पर लगी नक्काशी और शिलालेख धीरे-धीरे धुंधले होते जा रहे हैं, और छतें टूटने लगी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इनका जल्द ही संरक्षण नहीं किया गया, तो यह धरोहर इतिहास के पन्नों में खो जाएगी। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से इन महलों के संरक्षण की मांग की है। उनका कहना है कि अगर उचित ध्यान दिया जाए, तो यह स्थान पर्यटन के लिए भी विकसित किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
यह आवश्यक है कि सरकार और पुरातत्व विभाग इस समस्या पर ध्यान दें और इन ऐतिहासिक महलों को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि हमारी धरोहरें आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहें
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