आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रेल्वे लाईन पार कर रहा मासूम ट्रेन से टकराकर हुआ घायल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ रेल्वे लाईन पार कर रहा मासूम ट्रेन से टकराकर हुआ घायल
बच्चों को अधिक चोट लग जाने के कारण डॉक्टरों के द्वारा 24 घंटे रखा गया ऑब्जर्वेशन में
सहायिका के द्वारा अंडर ब्रिज से न जाते हुए रेलवे ट्रैक को पार किया जाना जा रहा है बताया
नैनपुर। महिला बाल विकास परियोजना के अंतर्गत आने वाली वार्ड नंबर 15 की आंगनबाड़ी जिसमें कार्यकर्ता खिलौना झरिया, सहायिका ज्योति झरिया, सुपरवाइजर मालती ठाकुर की गलती का खामियाजा ढ़ाई साल के बच्चे को भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि लाइन के उस पार आंगनबाड़ी में शासकीय योजना के तहत बच्चे को ले जा रही थी, जहां बच्चा ट्रेन से टकरा गया। जिसे गहरी चोट लगने के चलते आठ टांके लगाए गए हैं। जिसका इलाज सिसोदिया नर्सिंग होम में चल रहा है। बच्चों को अधिक चोट लग जाने के कारण डॉक्टरों के द्वारा 24 घंटे के ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
सहायिका के द्वारा अंडर ब्रिज से न जाते हुए रेलवे ट्रैक को पार किया जाना बताया जा रहा है। जहां कार्यकर्ताओं की घोर लापरवाही और उन कार्यकर्ताओं की भर्ती के लिए महिला बाल विकास की जवाबदारी होती है। ऐसी स्थिति में जब कार्यकर्ता और सहायिका के द्वारा बच्चों को घर से ले जाकर आंगनबाड़ी लाने और पहुंचाने कि जवाबदारी होती है। ऐसी स्थिति में इतनी घोर लापरवाही होने के चलते आज नईम मंसूरी के पुत्र जिसकी उम्र महज ढाई वर्ष की है ट्रेन से टकरा जाने के कारण बुरी तरीके से घायल हो गया। सुपरवाइजर जिनका कार्य फील्ड का होता है वह फील्ड से नदारत नजर आती हैं। अपने दायित्व का सही निर्वहन नहीं कर रही हैं। सुपरवाइजर जब उन्हें फील्ड में रहना होता है, वह ऑफिस या घर में पंखे में आराम फरमा रहे होते हैं। उनके द्वारा कार्यकर्ता और सहायिका को सही प्रशिक्षण नहीं दिया जाता जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है।
वही जब इस मामले में महिला बाल विकास अधिकारी रेखा सैयाम से बात करनी चाही तो अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ते नजर आई
इनका कहना है
मुझे इस घटना की कोई जानकारी नहीं है सहायिका के होश आ जाने के बाद जानकारी लेने के बाद आपको जानकारी दे सकती हू
*रेखा सैयाम महिला बाल विकास अधिकारी नैनपुर*
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