नेशनल वेबिनार का आयोजन शासकीय महिला महाविद्यालय में किया गया
मंडला - उच्च शिक्षा विभाग, मप्र शासन के तत्वावधान में प्राचार्य प्रो. शरद नारायण खरे के मार्गदर्शन व संरक्षण व डॉ. एसपी धूमकेती के संयोजन व डॉ प्रदीप सोनी के सह-संयोजन में एक दिवसीय वेबिनार राष्ट्रीय शिक्षा नीति और व्यावसायिक पाठ्यक्रम विषय पर कार्यक्रम शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय मंडला मे
आयोजित किया गया। प्राचार्य प्रो. शरद नारायण खरे ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 समय की आवश्यकताओं के अनुरूप है, वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है, जो युवाओं को निश्चित ही जॉब से जोड़ेगी।
जिले के अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजेंद्र चौरसिया ने विषय की उपयोगिता पर प्रकाश डाला व जबलपुर संभाग की अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ संतोष जाटव ने विषय के तत्वों को विस्तार दिया व राष्ट्रीय शिक्षा नीति की व्यावहारिक श्रेष्ठता को चित्रित किया।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष-प्राध्यापक डॉ रविन्द्र कुमार ब्रम्हे ने मुख्य वक्ता व विषय विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किए जाने की पृष्ठभूमि का खुलासा करते हुए इसकी व्यावसायिक गुणवत्ता व रोजगारोन्मुखता पर सविस्तार शोधात्मक प्रकाश डाला। उन्होंने अनेक वोकेशनल कोर्सेज व उनकी रोजगार से सम्बद्धता को उत्कृष्टता के साथ प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
द्वितीय विषय विशेषज्ञ व विद्वान महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के सहायक प्राध्यापक डॉ सुनील कुमार सुमन ने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से महाविद्यालय की छात्राओं को स्टार्ट अप से जुडऩे व व्यावसायिक इकाई प्रारम्भ करने के शानदार टिप्स दिए। छात्राओं की जिज्ञासा को भी उन्होंने शांत किया व समाधानकारक जवाव देकर वाहवाही अर्जित की।
डॉ प्रदीप सोनी व डॉ अंजु सिंह ने इन उत्कृष्ट व्याख्यानों का सरलता के साथ मूल्यांकन प्रस्तुत किया, प्रशंसा अर्जित की। अनगिनत ज्ञान पिपासु,शोधकर्ता व विद्यार्थी जो ओनलाइन जुड़े थे, में से बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के कुछ शोधार्थियों ने आयोजन व व्याख्यानों के परिप्रेक्ष्य में प्रभावी टिप्पणियां कीं।
आयोजन को सफल बनाने में आईक्यूएसी डॉ.आराधना दुबे, डॉ अंजली पंड्या, ग्रंथपाल डीके रोहितास, क्रीड़ा अधिकारी डॉ डीएस बघेल, तकनीकी समिति के तिवारी, जयंत कछवाहा, अनिल वाजपेयी, जय वाजपेयी आदि की विशेष भूमिका रही। कार्यालयीन कर्मचारी मंजु श्रीवास, राशि तिवारी, अनिल सिंगौर, रामेश्वर यादव, राजू यादव का सहयोग सराहनीय रहा।
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