*बम्हनी पुलिस प्रताड़ना ने ली 24 वर्षीय युवक की जान*
*बम्हनी पुलिस प्रताड़ना ने ली 24 वर्षीय युवक की जान*
*लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी केबीनेट मंत्री संपतिया उईके से लगे ग्राम ठरका की घटना*
*केबीनेट मंत्री के पडोसी ग्राम की जनता को गिरते पानी में शव रखकर करना पड़ा चकाजाम थाना प्रभारी को हटाने की पूरी नहीं हुई त्वरित मांग मिला सिर्फ आश्वासन*
*"क्या है मामला - विगत तीन दिवस पहले ठरका निवासी राममिलन चक्रवर्ती के द्वारा बम्हनी थाना में कार्यरत पुलिसकर्मी किशोर मसखरे को शराब पिला कर मिथिलेश चक्रवर्ती के घर ले जाकर उसकी मां पत्नी एवं उसके परिवार को किशोर मसखरे के द्वारा गाली गलौज,जान से मारने की धमकी,रुपये के दम पर गुंडागर्दी का पूरा पुलिसिया रोब दिखाया गया मृतक को जेल में डालकर सडने की धमकी,एक्सीडेंट करने की धमकी देकर,उसे इस कदर प्रताड़ित एवं धमकाया गया की दहशत में आकर आज देर रात मिथिलेश चक्रवर्ती ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी चक्रवर्ती समाज एवं परिजनों ने बताया उक्त घटना की पूरी जानकारी एसपी मण्डला को दी गई थी क्योंकि जब थाने का कर्मचारी उनके घर पर जाकर गुंडागर्दी कर रहा था तब उनके द्वारा एसपी को फोन पर सारी जानकारी दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई मृतक दूसरे दिन लिखित शिकायत लेकर बम्हनी थाने गया तो थाना प्रभारी बर्षा पटैल राममिलन के दबाव में रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया एवं डांट कर भगा दिया जिससे नाराज होकर इनके द्वारा थाना बम्हनी से ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज कर घटना की जानकारी दी गई परिजनों एवं चक्रवर्ती समाज ने आरोप लगाया है युवक की जान थाना बम्हनी के भ्रष्ट रवैये एवं लापरवाही की वजह से गई है आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोप लगाया बम्हनी थाना जो पूर्ण रूप से बिका हुआ है जब एक नगर का रक्षक ही शराब पीकर किसी के घर में धमकाने के लिए जाए एवं उसे आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया जाये तो नगर कितना सुरक्षित हाथों में स्पष्ट पता चलता है घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने पोस्ट मार्डम के बाद थाने के सामने सुबह लगभग 11 बजे शव रखकर चका जाम कर दिया एवं मृतक मिथलेश चक्रवर्ती के लिए न्याय की मांग करने लगे आक्रोशित परिजन एवं ग्रामीणों राममिलन एवं आरोपित पुलिसकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज करने एवं थाना प्रभारी को हटाने की मांग पर अड़ गये इस दौरान लगभग 4 बजे से तेज बारिश शुरू हुई लेकिन ग्रमीण किसी भी स्थिति में बिना मांग पूरी हुए उठने तैयार नहीं थे इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस एवं जिला प्रशासन कितना संवेदनशील है समझा जा सकता है जब एक केबीनेट मंत्री के गाँव की जनता को न्याय के लिए गिरते पानी में शव रखकर प्रदर्शन करना पड़े फिर भी त्वरित न्याय न मिल पाये तो माना जा सकता है सरकार और प्रशासन की नियत और छवि जनता के प्रति जबाबदेही और साफ नहीं है*
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