उच्च न्यायालय के निर्णय का अनुसरण करें मध्य प्रदेश शासन
बुरहानपुर//मध्य प्रदेश कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष, जिला संयुक्त मोर्चा के संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित एवं संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत ने कहा कि ने त्रिपुरा उच्च न्यायालय ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है ,दोनों पदाधिकारी ने कहा कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया है कि सरकारी कर्मचारी भी अपने राजनीतिक विचार सोशल मीडिया, फेसबुक या और किसी मंच से रख सकता है अपने प्रेस नोट में कहा कि आखिर कर्मचारी भी वोट देकर सरकार को चुनता है सरकारी कर्मचारी देश का एक नागरिक भी है जिला संयुक्त मोर्चा के डॉक्टर अशफाक खान ,अनिल बाविस्कर, विजय राठौड़, ठाकुर अरविंद सिंह, शांताराम निंबोरकर, धर्मेंद्र चौकसे, राजेश साल्वे, शेख मोहम्मद, भानुदास भाई ,हेमंत सिंह ठाकुर आदि सभी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी ने कहा कि आखिर कर्मचारी भी वोट देकर सरकार को चुनता है सरकारी कर्मचारी देश का एक नागरिक भी है संयुक्त मोर्चा के सभी साथियों ने उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत कर कहा कि मध्य प्रदेश शासन के शासन के मुख्य सचिव से मांग की है कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय एवं केरल उच्च न्यायालय के निर्णय का अध्ययन कर आदेश का अनुसरण मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के लिए भी किया जाए इस प्रकार का आदेश जारी किया जाए, प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने कहा कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय के जस्टिस अखिल कुरैशी द्वारा दिए गए निर्णय साफ कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों को विचार व्यक्त करने से रोक नहीं जा सकता सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया या अन्य किसी भी मंच से अपने विचार स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकता है कोर्ट ने कहा कि सिविल सर्विस कंडक्ट 1988 के रूल पांच,5 ,को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों को अपने विचार व्यक्त करने का पूर्ण अधिकार है सरकारी कर्मचारियों को भी मौलिक अधिकार प्राप्त है सरकारी कर्मचारियों के विचार व्यक्त करने से केवल न्यायालय ही रोक सकता है सरकारी कर्मचारी आचरण नियमों के नियम पांच के उपनियम 4 के प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए अपने विचार रख सकता है त्रिपुरा उच्च न्यायालय से पूर्व केरल उच्च न्यायालय ने भी कर्मचारियों को अपने विचार स्वतंत्र रूप से रखने के आदेश पारित कर चुका है दोनों उच्च न्यायालय ने स्वतंत्र विचार व्यक्त करने पर राज्य कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाहीको खारिज किया है*
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