rashtriya news दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दिक्षित जी आज जिंदा होती......... केजरवाल से जरूर - rashtriya news khabre Desh prdesh ki

Header Ads

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दिक्षित जी आज जिंदा होती......... केजरवाल से जरूर

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री
 शीला दिक्षित जी आज जिंदा होती......... 
जेल मे बंद केजरीवाल मित्र मंडली के साथ केजरीवाल से मिल रही होती 
राकेश चौकसे बुरहानपुर
अन्ना का आंदोलन और दिल्ली की राजगद्दी पर मुख्यमंत्री शिला दीक्षित विराजमान थी। इस वक्त शीला दीक्षित उम्र का 78 वा पड़ाव पार कर दिल्ली की सत्ता पर तकरीबन 26 साल पूर्व काबिज हुई थीं। और सतत 15 साल 1998 से 2013 तक सत्ता के केन्द्र मे रहकर आधुनिक दिल्ली की वास्तुकार बनकर विश्वस्तरीय शहर बनाने की इच्छा शक्ति के साथ फ्लाईओवरो का जाल बिछा, जमीन के निचे तेज भागती मेट्रो ट्रेन ,लो फ्लोर एसी, सीएनजी चलित बसे, विश्व स्तरीय स्टेडियम, आधुनिक अस्पताल के साथ विकास की अनेक सौगात देकर इतिहास रच रही थीं। भारत मे महिला नेत्रियों मे शीला दीक्षित को तीन बार लगातार मुख्यमत्री होने का गौरव हासिल है।
देश मे कांग्रेस सरकार के कु शासन महंगाई,भ्रष्टाचार और जन लोकपाल को लेकर अन्ना हजारे जंतर मंतर, रामलीला मैदान पर बड़े आंदोलन की स्क्रिप्ट लिख रहे थे। भाजपा? संघ? सहित पुरा विपक्ष अन्ना आंदोलन की सफलता के लिए अदृश्य रूप से सहयोगी बना हुआ था!
जन लोकपाल विधेयक आंदोलन के रूप सामने था समाज सेवी अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण, बाबा रामदेव की सहभागिता के साथ संचार माध्यमों के बूते यह आंदोलन राष्ट्रव्यापी रूप ले चुका था। केन्द्र की सत्ता के खिलाफ खडा आंदोलन का बुरा स्वरूप यह निकला दिल्ली मे कांग्रेस की शीला सरकार को ईमानदारी से किए जा रहे कार्यों का हर्जाना सरकार गंवाकर भुगतना पड़ा था।
पुरे आंदोलन की सफलता अथवा असफलता का देश के नागरिकों को लाभ - हानी का गणित अब भी अधूरा ही है। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार और मुखिया अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार सहित अनेक आरोप लग चुके है।
15 साल सत्ता पर काबिज रहने वाली शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को कपूरथला (पंजाब) के खत्री परिवार मे हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल से, स्नातक और कला स्नातकोत्तर की शिक्षा मिरांडा हाउस कॉलेज से की थी। मुख्य मंत्री बनने के पूर्व 1984 से 1989 तक कन्नौज लोकसभा का प्रतिनिधित्व भी किया है। कांग्रेस सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप से घिर चुकी दिल्ली के सरकार ने 2013 का चुनाव लडा तब शीला सरकार को करारी शिकस्त का सामना करने के साथ खुद भी नई दिल्ली सीट से हार गई थीं। इस चुनाव मे कांग्रेस की तीन सीट पर जीत से संतोष करना पडा था। अन्ना आन्दोलन के बूते भ्रष्टाचार के दंश का शिकार शीला सरकार की दिल्ली से बिदाई हो गईं थीं किंतु देश मे संप्रग सरकार होने से इन्हे केरल का राज्यपाल (11 मार्च 2014 से 25 अगस्त 2014)बनाकर भेजा गया था।
शीला दीक्षित का मानना था भारत मे अगर जनतंत्र को जीवित रखना है तब सही व्यवहार व सत्यता के मानदंडों का पालन करना जीवन का अभिन्न अंग होना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल की प्रारंभिक शिक्षा भी मिशनरी स्कूलों से गृहण की बाद प्रौद्योगिकी संस्थान आई आई टी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राजनीत की चौखट पर नाक रगड़ने निकले केजरीवाल ने इंडियन रेवेन्यू सर्विस आयकर विभाग की नोकरी छोड़ दी थीं।
कितनी विडंबना है दिल्ली की सत्ता पर सवार तीन बार की मुख्यमंत्री ने अपने माथे पर सत्ता दम्भ सवार नही होने दिया था। दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल आम से खास बनने के बाद झुटी बयानबाजी और फ्री के प्रलोभन के बूते शराब घोटाले के दंश के कारण ई डी की गिरफ्त मे आ गए है। केजरीवाल को नही भूलना चाहीए शीला दीक्षित के 15 वर्ष के कार्यकाल मे न इन पर आरोप लगे न इनके मंत्रियों पर उल्ट कट्टर ईमानदार का दंभ भरने वाले केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के 11वर्ष के शासन काल मे 17 नेता जेल जा चुके है। संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, अमानतुल्ला खान, सोमनाथ भारती, संदीप कुमार, नरेश यादव, दिनेश मोहनिया, जगदीप सिंह, सुरिंदर सिंह, प्रकाश जरवाल, सहित 14और आप नेता जेल जा चुके है। यह भी सच है अरविंद केजरीवाल ने अब तक कोई विभाग नही लिया। किंतू 2,873 करोड़ के नुकसान के शराब घोटाले मे 100करोड़ की घूस मामले मे 6चार्ज शीट दाखिल हो चुकी है व इस घोटाले के दंश का शिकार होने वाले अरविंद केजरीवाल 32 वे आरोपी है। इस आरोप को ईडी के दावे मे सच्चाई नजर आ रही है और आरोप दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए 136 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ की गई है। इसके एवज मे 100 करोड़ लिए के दावे का आरोप सटीक लगा है। इसी आरोप मे बीआरएस नेता कविता का नाम भी आया था जो अभी कस्टडी मे है।
*राहुल गांधी की अपनी डफली अपना राग*
डरा हुआ तानाशाह मरा हुआ लोकतंत्र चाहता है कहने से पूर्व आजाद भारत के इतिहास मे 124 बार राष्ट्रपति शासन लगना और इमरजेंसी लगाने को लेकर कोई जवाब नही है।
काश दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित आज जिंदा होती।
जेल मे बंद केजरीवाल के मंत्रियों के साथ केजरीवाल से मिल रही होती।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.