कथा से ही हमारा मन भगवान के स्वरुप में संलग्न होता है।
बुरहानपुर के स्वामीनारायण मंदिर में व्यास पीठ पर विराजित शास्त्री स्वामी राजेंद्र प्रसाद दास जी ने अपने प्रवचन में कहा कि
भगवान की प्रसन्नता और मन को शांत करने के लिए हम नेमिषारण्य रूपी स्वामिनारायण मंदिर में कथा सुन रहे है,जो प्रेम से भगवान का नाम लेता है उसके सभी पाप कट जाते हैं।भगवान एक है नाम अनेक है,सर्वोपरि शब्द केवल भगवान स्वामिनारायण के लिए ही उपयोग किया गया है,वही सच्ची धर्मपत्नी वह है जो पति के दुख में उसका भार बाट लेती है ,और जो पति के दुख में उनके साथ रहती है यही पुरुषोत्तम मास की कथा सिखलाती हैदुआओ में बहुत ताकत होती है, जो दवा में दम नही वह दुआ में होती है,जब संतो ब्राह्मणों के आशीर्वाद मिलते है जीवन का उद्धार हो जाता है,धर्म का अर्थ बताते हुए कहा कि यह एक प्रकार का सदाचार है ।
ड्राय फ्रूट्स और छप्पन भोग
वही मंदिर के महंत कोठारी स्वामी परम पूज्य पीपी स्वामी ने कहां की स्वामीनारायण मंदिर में एकादशी 12 अगस्त को प्रातः 101 लीटर दूध दही 5 नदियों के जल शुद्ध केसर और फलों के ज्यूस के साथ भगवान लक्ष्मी नारायण देव हरीकृष्ण महाराज का अभिषेक होगा तत्पश्चात कथा के उपरांत ड्राई फ्रूट्स से भगवान को लगेगा वह तो वही एकादशी को ही होगी महापूजा महापूजा से जीवन में जाने अनजाने में हुए पाप नष्ट हो जाते हैं तो वही 13 अगस्त द्वादशी के दिन सभी भक्तों घरों से बढ़ाकर लाएंगे छप्पन भोग
मंदिर प्रवक्ता गोपाल देवकर ने बताया कि मंदिर में पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला ने पहुंचकर व्यास पीठ पर विराजित शास्त्री राजेंद्र प्रसाद दास जी का शाल श्रीफल से सम्मान किया वही शृंगार आरती के दर्शन लाभ के लिए तथा संतों का आशीर्वाद भी लिया।
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