बुरहानपुर पहुंचे भगवान स्वामिनारायण के वंशज और भक्तो को दिए दर्शन
बुरहानपुर के प्राचीन स्वामिनारायण मंदिर में भगवान स्वामिनारायण के वंशज एवं श्री वडताल गादी पीठाधिपति प.पु.ध.धु.1008 श्री राकेशप्रसाददासजी महाराज के सुपुत्रश्री विद्यमान लालजी श्री प.पु.108 सौरभप्रसादजी महाराज श्री लक्ष्मीनारायण देव के दर्शनार्थ बुरहानपुर पहुचे और बुरहानपुर के लक्ष्मी नारायण देव, हरे कृष्ण महाराज, घनश्याम महाराज की पूजा अर्चना कर तथा आरती कर भक्तों को आशीर्वचन दिया वही मंदिर के कोठारी महंत श्री पीपी स्वामी ,शास्त्री चिंतन प्रियदास जी और मंदिर के पुजारी पार्षद दिनेश भगत ने लालजी महाराज का अभिवादन कर आशीर्वाद लिया ,तो वही लालजी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि बुरहानपुर की इस प्रसादी की मूर्ति के दर्शन करने का मुझे अवसर मिला और मैं दर्शन पाकर अभिभूत हुआ, मुझे बुरहानपुर का सत्संग समाज भी बहुत पसंद आया ,यह पूरा संप्रदाय का एक ऐसा मंदिर है जहां अधिक मास में पूरे महीने भर भगवान लक्ष्मी नारायण देव का दूध केसर और जल के साथ अभिषेक होता है इनके दर्शन करना है जीवन के सभी मनोकामना को पूर्ण करने जैसा है परम पूज्य लालजी महाराज के साथ सूरत मंदिर के शास्त्री पी स्वामी, गुण सागर स्वामी, भी बुरहानपुर पहुंचे साथ ही वड़ताल मैनेजिंग बोर्ड के घनश्याम भगत ने भी लाल जी महाराज का पुष्प माला से अभिवादन किया और आशीर्वाद लिए
वही मंदिर प्रवक्ता गोपाल देवकर ने भी विशेष मुलाकात कर आशीर्वाद प्राप्त किया, विशेष मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि बुरहानपुर का दौरा भगवान लक्ष्मी नारायण देव के दर्शन करना था जिसे पाकर मैं धन्य हुआ और यहां से जलगांव के लिए रवाना हुए, जहां शिव महापुराण की कथा में शामिल होंगे वही खानदेश के कई मंदिरों के दर्शन और सत्संगियों से भेंट भी करेंगे
सत्संग सभा का संचालन शास्त्री सरजुदासजी ने किया।
भगवान के वंशज पहुचे बुरहानपुर
बूरहानपुर पहुंचे भगवान स्वामिनारायण के वंशज और भक्तो को दिए दर्शन,
बुरहानपुर के प्राचीन स्वामिनारायण मंदिर में भगवान स्वामिनारायण के वंशज एवं श्री वडताल गादी पीठाधिपति प.पु.ध.धु.1008 श्री राकेशप्रसाददासजी महाराज के सुपुत्रश्री विद्यमान लालजी श्री प.पु.108 सौरभप्रसादजी महाराज श्री लक्ष्मीनारायण देव के दर्शनार्थ बुरहानपुर पहुचे और बुरहानपुर के लक्ष्मी नारायण देव, हरे कृष्ण महाराज, घनश्याम महाराज की पूजा अर्चना कर तथा आरती कर भक्तों को आशीर्वचन दिया तो वही लालजी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि बुरहानपुर की इस प्रसादी की मूर्ति के दर्शन करने का मुझे अवसर मिला और मैं दर्शन पाकर अभिभूत हुआ, मुझे बुरहानपुर का सत्संग समाज भी बहुत पसंद आया ,यह पूरा संप्रदाय का एक ऐसा मंदिर है जहां अधिक मास में पूरे महीने भर भगवान लक्ष्मी नारायण देव का दूध केसर और जल के साथ अभिषेक होता है इनके दर्शन करना है जीवन के सभी मनोकामना को पूर्ण करने जैसा है ,उन्होंने कहा कि बुरहानपुर का दौरा भगवान लक्ष्मी नारायण देव के दर्शन करना था जिसे पाकर मैं धन्य हुआ
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