केदारनाथ का वअद्भुत रहस्य सन् 2013 केदारनाथ मंदिर के पीछे से भयंकर जल प्रलय आया और रास्ते में आने वाले घरों, दुकानों, बड़े होटलों को बहाकर अपने साथ कई किलोमीटर ले गया। इस जल प्रलय में इतनी शक्ति थी कि यह केदारनाथ मंदिर को भी क्षतिग्रस्त करने में सक्षम था परन्तु ईश्वर की कृपा से इस जल प्रलय के साथ एक विशालकाय चट्टान बहकर आई और मंदिर के पीछे इस प्रकार सेट हो गई ,
केदारनाथ//सन् 2013 केदारनाथ मंदिर के पीछे से भयंकर जल प्रलय आया और रास्ते में आने वाले घरों, दुकानों, बड़े होटलों को बहाकर अपने साथ कई किलोमीटर ले गया। इस जल प्रलय में इतनी शक्ति थी कि यह केदारनाथ मंदिर को भी क्षतिग्रस्त करने में सक्षम था परन्तु ईश्वर की कृपा से इस जल प्रलय के साथ एक विशालकाय चट्टान बहकर आई और मंदिर के पीछे इस प्रकार सेट हो गई कि पीछे से आ रही भयंकर बाढ़ के पानी को दो भागों में विभाजित कर दिया जिससे जल प्रलय की शक्ति क्षीण हो गई। और मंदिर को कोई क्षति नहीं पहुंची। खास बात ये है कि इतनी बड़ी चट्टान लुढ़कती मंदिर परिसर में आकर मंदिर के पीछे सेट हो गई पर कहीं से भी मंदिर और उसके फर्श पर खरोंच का निशान नहीं है। मंदिर के फर्श का एक भी पत्थर न तो टूटा न अपनी जगह से हिला जैसे किसी शक्ति ने पृथ्वीलोक पर आकर इस भारी चट्टान को महादेव मंदिर के पीछे बड़े आराम से रख दिया हो। और आश्चर्यजनक रूप से जो चट्टान मंदिर के पीछे आकर सेट हुई है ऐसी चट्टान केदारनाथ धाम के पूरे पहाड़ी क्षेत्र में नहीं है। यानि किसी भी पहाड़ का टुकड़ा टूटकर चट्टान के रुप में मंदिर के पीछे आकर सेट नही हुआ। ये चट्टान कहां से और कैसे आई रहस्य है।
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