मानसिक स्वच्छता जागरूकता अभियान अनुपचारित चिंता और भय हो सकते हैं घातक: मालविका
बुरहानपुर//कोरोना के बाद से लगातार चिंता और अवसाद के मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है। पुरुषों के मुकाबले में महिलाएं और यूथ अधिक तेज़ी से इसकी जकड़ में आते जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार न्यायिक सुरक्षा परिषद की जिलाध्यक्ष, मनोवैज्ञानिक एवं महिला उत्पीड़न समिति (सी.एम.एच.ओ., बुरहानपुर) की सदस्य मालविका डांगीवाला ने उनके द्वारा चलाए जा रहे "मानसिक स्वच्छता जागरूकता एवं करुणामय संचार अभियान" के तहत आज चिंचाला स्थित आंगनवाड़ी की महिलाओं एवं उनके बच्चों का 'जनरलाइज्ड ऐंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर' का निःशुल्क असेसमेंट किया और सभी उपस्थित प्रतिभागियों को ऐंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर के कारण, लक्षण एवं चिकित्सा आदि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि इसका समय रहते इलाज न करवाया जाए तो यह घातक साबित हो सकता है। डर, बेचैनी, नींद न आना, मांसपेशियों में तनाव आदि इसके लक्षण हैं और सीबीटी इसका एक प्रभावी उपचार है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की महिलाओं एवं बच्चों को मानसिक सेहत के प्रति जागरूक करना है ताकि वे अन्य शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक बीमारियों का भी यथासमय सही इलाज करवा सकें। इस दौरान संस्था की सचिव तेजस्विनी गाड़े एवं जिला संयोजक फ़ारिश आलम आदि भी वहां मौजूद रहे।
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