विगत 2 माह में वनमण्डल अधिकारी अनुपम शर्मा के निर्देशन में बुरहानपुर वन विभाग के प्रमुख कार्य:
बुरहानपुर//विगत 2 माह में वनमण्डल अधिकारी अनुपम शर्मा के निर्देशन में बुरहानपुर वन विभाग के प्रमुख कार्य:
वन संरक्षण हेतु तैयारियां*
* नियमित गश्ती
* २ उच्च-तकनीकी नाइट-विजन Drones का क्रय, एवं ड्रोंस द्वारा निगरानी
* ग्राम वन समिति की बैठकें
* अपराधियों/आरोपियों के विरुद्ध POR दर्ज करवाना
* मुखबिर द्वारा सूचना पर ईनाम
* वाहन मरम्मत एवं अतिरिक्त वाहन किराए पर
* आत्म सुरक्षा सामग्री क्रय
* अस्थाई चेकिंग पॉइंट्स
*वन संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास*
* अतिक्रमण रोधी खंती एवं बीज छिड़काव
* अवैध लकड़ी तस्करी, अवैध रेत उत्खनन, अवैध गोंद संग्रहण/परिवहन पर दबिश
* वन समितियों का सम्मेलन (23 मार्च)
* अतिक्रमणकारियों को वनक्षेत्र से खदेड़ने के प्रयास : झिरी (23 फरवरी, 9 मार्च), घाघरला (11 मार्च), नेपानगर (27-28 मार्च), बोदरली (2 अप्रैल)
* घाघरला जंगलों के 13 अतिक्रमणकारियों को वन अमले ने चैकिंग प्वाइंट पर दबोचा, वाहन जब्त; 13 अतिक्रमणकारी और पैंगोलिन के शिकार के आरोपियों को कर खंडवा जेल भेजा गया (3 अप्रैल)
* निमसेठी के जंगल काटने और अतिक्रमण का प्रयास करने वाले 7 मुख्य आरोपियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया; अन्य 120 से अधिक अतिक्रमण के आरोपियों ने वन विभाग की समझाइश पर किया आत्म समर्पण (21 अप्रैल)
* अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच अतिक्रमणकारियों द्वारा की गई अवैध कटाई की *लगभग 550 घन मीटर* से अधिक लकड़ी को वन विभाग ने 9 से 20 अप्रैल के बीच उठवा कर खंडवा डिपो में परिवहन किया। यह बाजार दर के अनुसार ₹5 करोड़ से अधिक मूल्य की लकड़ी है। अन्यत्र परिवहन से अब अतिक्रमणकारी इस लकड़ी से अवैध टप्पर नहीं बना पाएंगे, और ना ही लकड़ी जला का नुकसान पहुंचा पाएंगे।
*अन्य कार्य* :
* २०२३ में पौधारोपण हेतु क्षेत्र तैयारी कार्य
* भू जल संरक्षण कार्य
* वन अग्नि पर प्रभावी नियंत्रण
* तेंदू पत्ता शाख कर्तन कार्य
* विकास कार्यों में पूर्ण सहयोग: कई तालाबों, चैक डैम, सामुदायिक भवन, सीसी रोड, सार्वजनिक कूप, पाइप लाइन इत्यादि के निर्माण हेतु सैद्धांतिक एवं अंतिम औपचारिक अनुमतियां जारी की गई।
* बुरहानपुर जिले के 20 वर्ष के इतिहास में पहली बार बाघ के हमले से जनहानि हुई। वन विभाग ने सहानुभूति के साथ त्वरित कार्यवाही करते हुए, मृतक के वैधानिक उत्तराधिकारियों को क्षतिपूर्ति राशि (₹8 लाख) का भुगतान किया। निकट भविष्य में इस तरह की अप्रिय घटना पुनः घटित ना हो इसके लिए वन विभाग ने स्थानीय लोगों को जागरूक करने हेतु मुनादी करवाई, सतत गश्ती की, वन्यजीव के विचरण की निगरानी हेतु ट्रैप कैमरे लगाए।
उक्त सभी कार्यों में सभी उपवनमंडल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारियों, मैदानी वन अमले, एवं कार्यालयीन कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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