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मां, बहन, बच्चों को समर्पित रहेगा मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेला-पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस


बुरहानपुर। माँ ताप्ती के किनारे बसे बुरहानपुर शहर की अपनी एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत रही है, इसी सांस्कृतिक विरासत की कड़ी में आज भी बुरहानपुर की कला प्रेमी जनता सांस्कृतिक कलात्मक और रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन निरंतर करती रही है और उसमें उसकी सक्रिय सहभागिता रहती है। इन्ही कलात्मक एवं रचनात्मक गतिविधियों की परंपराओं में बुरहानपुर के समीप ग्राम धामनगांव स्थित मां वाघेश्वरी के मंदिर में प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्रामोदय मेले का आयोजन किया जाता रहा है एवं विगत 2 दशकों से यह परंपरा चली आ रही है। इस वर्ष भी चैत्र की नवरात्रि में 22 मार्च से 30 मार्च 2023 तक ग्राम धामनगांव में ग्रामोदय मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला विशेष मां, बहन और बच्चों को समर्पित रहेगा।

यह जानकारी बुरहानपुर में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने दी। प्रेसवार्ता में वां वाघेश्वरी देवी संस्थान अध्यक्ष अशोक पाटिल, शाहपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष रामभाउ सोनवणे, गुलचंद्रसिंह बर्नेे, जिला पंचायत सदस्य किशोर पाटिल, डॉ.कविता सूर्यवंशी, राजू पाटिल, मुकेश शाह, वीरेन्द्र तिवारी, प्रदीप पाटिल, मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेला समिति अध्यक्ष दिनकर महाजन, रूद्रेश्वर एंडोले, रवि गुप्ता, नीतिन महाजन, संजय पवार, गफ्फार मंसूरी, प्रविण लोहार सहित अन्य गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।

श्रीमती चिटनिस ने बताया कि आदिशक्ति के पर्व चैत्र नवरात्र के अवसर पर बुरहानपुर के ग्राम धामनगांव में 22 मार्च गुड़ीपड़वा से 30 मार्च श्रीराम नवमी 2023 तक मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेला का आयोजन होगा। जिसमें प्रतिदिन अनेक आयोजन होंगे। मेले में 9 दिनों तक जनसंवाद, भजन संध्या, कीर्तन, कबड्डी एवं क्रिकेट प्रतियोगिता, कांटा कुश्ती का दंगल, किसान संगोष्ठी, जनजागृति कार्यक्रम, स्वच्छता अभियान, महिलाओं एवं बच्चों के लिए मीना बाजार, झुले, चौपाटी, मिक्की माउस, ऊंट, घोड़े, कुल्फी, आईस्क्रीम, बर्फ के गोेले की दुकानों सहित युवक, युवतियों की पसंदीदा कपड़ों की दुकानें इस आयोजन की मुख्य विशेषता होगी। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले की सफलता हेतु मार्गदर्शक मंडी एवं प्रबंधन समिति का भी गठन किया गया है। साथ ही अलग-अलग आयोजनों एवं स्पर्धाओं के प्रभारी बनाए गए है। मेले में 9 दिनों में करीब 3 से 4 लाख प्रतिभागी-श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मेला अंतर्गत मां, बहनों और बच्चों के लिए लाडली बहना योजना सहित शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से हितग्राहियों को लाभांवित हेतु नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनजागरूकता कर आवेदन पत्र भराए जाएंगे। उनके दस्तावेजों का ई-केवायसी भी कराया जाएगा। यह कार्यक्रम ग्राम धामनगांव सहित आसपास के 20-25 गांवों में संचालित किया जाएगा। जिससे पात्र हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सकें।

*ई-आमंत्रण के माध्यम से नागरिकों को दिया जा रहा आमंत्रण*

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले में ई-आमंत्रण के माध्यम से आमंत्रिण किया जा रहा है। जिसका लोकार्पण भी प्रेसवार्ता के माध्यम से किया गया। उन्होंने बताया कि ई-आमंत्रण के माध्यम से बहुत ही कम समय में अधिक लोगों के पास आमंत्रण पहुंचा रहा है।

*ग्रामोदय मेले में प्रतिदिन खेल प्रतिस्पर्धाओं के साथ होंगे अनेक आयोजन*

मेले में प्रतिदिन कार्यक्रम शाम 5 बजे से आयोजित होंगी। इसमें 22 मार्च शुक्रवार से प्रतिदिन बालक-बालिकाओं की कबड्डी प्रतियोगिता, क्रिकेट प्रतियोगिता होगी। 23 मार्च गुरूवार को गीत गायन प्रतियोगिता, 24 मार्च शुक्रवार को नृत्य प्रतियोगिता एकल एवं युगल, 25 मार्च शनिवार को भव्य डांडिया रास प्रतियोगिता, 26 मार्च रविवार को ह.भ.प.संगीता ताई व्यवहारे पिंपले का कीर्तन एवं कांटा-कुश्ती का शानदार दंगल, 27 मार्च सोमवार को पिंटू उंगले द्वारा माता का जागरण एवं गोंधल, 28 मार्च मंगलवार को शाहीर प्रदीप मोहिते द्वारा प्रस्तुत पोवाड़ा का आयोजन होगा। इसी प्रकार 29 मार्च बुधवार को प्रातः 7 बजे मां वाघेश्वरी मंदिर धामनगांव से शिव पर्वत बंभाड़ा तक ‘‘रन फॉर प्रकृति‘‘ का आयोजन होगा। सायंकाल में स्वाति पुणेकर द्वारा प्रस्तुत महाराष्ट्राचे मानकरी का आयोजन होगा। 30 मार्च गुरूवार को पुरस्कार वितरण एवं सुप्रसिद्ध भजन ‘‘ये भगवा रंग‘‘ की गायिका शहनाज अख्तर की भजन संध्या के साथ ही भक्तिमय रंगारंग कार्यक्रम होंगे। 30 मार्च को श्रीराम जन्मोत्सव निमित्त महाप्रसादी हेतु भंडारे का आयोजन होगा। मेले अंतर्गत 24 मार्च से 28 मार्च तक किसानों, उद्योगों एवं वैज्ञानिकों के मध्य समन्वय (इंटरफेस) हेतु प्रारंभिक बैठकें होगी। प्राकृतिक खेती एवं पशुपालन का प्रशिक्षण, केले की खेती व उद्योग समस्या एवं समाधान, उद्यानिकी फसले-आम, जाम, पपीता, तरबूज व खरबूज की प्राकृतिक खेती तथा अन्न महोत्सव-मोटे अनाज की प्रदर्शनी एवं व्यंजन के कार्यक्रम, कार्यशालाएं एव प्रशिक्षण होंगे।

*13 वर्षों से जारी है ग्रामोदय मेले का आयोजन*

ज्ञात हो कि क्षेत्र की जागरूक जनप्रतिनिधि एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) लगभग 13 वर्षों से चैैत्र नवरात्रि के 9 दिन ग्राम धामनगांव स्थित मां वाघेश्वरी मंदिर परिसर अंतर्गत ग्रामीण परिवेश के आवासीय संरचना में रूकती है। इस दौरान श्रीमती चिटनिस ग्रामीण क्षेत्रों में जल जागरण, स्वच्छता, ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित रोजगार हेतु प्रशिक्षण, अध्ययन, वाचन-प्रवचन, प्राणायाम-योगाभ्यास, खेलकूद-सौष्ठव गतिविधियां और परंपरागत भारतीय कृषि के संदर्भ में युवाओें और कृषकों के साथ संवाद करने का क्रम निरंतर जारी है। जिसमें प्रातः से ग्रामीण चौपाल सहित गांव-गली और द्वार-द्वार पहुंचकर जनजागरण-जागरूकता अभियान के माध्यम से पानी, सफाई, कृषि पद्धति पर जनता को साथ लेकर सकारात्मक प्रयास किए। दोपहर उपरांत अध्ययन अथवा सम्मेलन-संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से क्षेत्रिय जनता और युवाओं को आवश्यक जानकारियां, प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम के माध्यम से मां वाघेश्वरी परिसर में देशानुकूल एवं युगानुकूल विकास को आधार बनाकर गतिविधियां आयोजित की जाती रही है। इसी परिपेक्ष्य में ग्राम धामनगांव स्थित मां वाघेश्वरी मंदिर परिसर में 22 मार्च से 30 मार्च 2023 तक मां वाघेश्वरी ग्रामोदय मेले का आयोजन किया जा रहा है।

*24 से 29 मार्च तक आयोजित होंगी कृषि कार्यशालाएं*

पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि 24 मार्च शुक्रवार को केले की खेती विषय पर कार्यशाला होगी। इसमें केले की खेती पर चर्चा, केेले की फसलको कुकम्बर मोजे वायरस से बचाव पर विशेषज्ञ अपने विचारों से किसानों को लाभांवित करेंगे। 25 मार्च शनिवार को औद्यानिकी फसलें-आम एवं जामून की खेती, तरबूज की खेती, पपीते की खेती पर परिचर्चा होगी। 26 मार्च रविवार को कपास उत्पादक, वैज्ञानिक एवं उद्यमी सम्मेलन होगा। इसमें कपास की वैज्ञानिक खेती, कपास का विपणन एवं उत्पादन तथा कृषक वैज्ञानिक-उद्यमी संवाद होगा। 27 मार्च सोमवार को उद्यानिकी फसलों पर प्राकृतिक खेती कार्यशाला होगी। इसमें प्राकृतिक खेती का महत्व, सब्जियों की खेती में प्राकृतिक खेती का महत्व, केला फसल में प्राकृतिक खेती विषय पर चर्चा कर कृषक वैज्ञानिक संवाद होगा। 28 मार्च मंगलवार को कृषि एवं उद्यानिकी फसलों पर प्राकृतिक खेती कार्यशाला आयोजित होगी। इसमें कपास की प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक खेती में कीट एवं रोग प्रबंधन, मसाला फसलों में प्राकृतिक खेती का महत्व सहित अन्य विषयों पर वैज्ञानिक-विशेषज्ञ अपने-अपने विचारों से किसानों को लाभांवित करेंगे। 29 मार्च को सुपर फूड पर कार्यशाला होगी। इसमें श्री अन्न मिलेट्स फसलों पर वैज्ञानिक परिर्चा एवं शासन द्वारा संचालित मिशन के संबंध में जानकारी दी जाएगी। कोदो, कुटकी, रागी की प्राकृतिक खेती, मोटा अनाम का आहार में महत्ता एवं कृषक वैज्ञानिक संवाद होगा। पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस ने बताया कि मोटे अनाज के उपभोग से मानव शरीर को भरपूर मात्रा में कैल्शियम प्राप्त होता है। यहीं कारण है कि हमारे आदिवासी बंधु दूध का कम उपयोग करके भी स्वस्थ शरीर और मस्त जीवन यापन करते है। केला उत्पादक किसान सरसों की खेती अपने खेतों में 2-3 वर्ष में एक बार अवश्य करेंगे तो उन्हें केले की सिंगाटोका बीमारी से सुरक्षा मिलेंगी। ऐसे विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ इस कृषि कार्यशालाओं में अपनी-अपनी विधा में यहां क्षेत्र की जनता को लाभ प्रदान करेंगे।


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